पटना: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. BPSC परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन करने की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ गई. जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. वे अभी भी अस्पताल में हैं, इस बीच BPSC ने उन्हें लीगल नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. नोटिस के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों बिना किसी सबूत के आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. BPSC ने PK पर छवि खराब करने का आरोप लगाया है. नोटिस में PK के वीडियो के लिंक भी भेजे गए हैं.
एक वीडियो में प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि बिहार के हर जिले में चर्चा है कि यहां BPSC के अधिकारियों, शिक्षा माफिया, नेताओं के दलाल डील कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि एक पद के लिए 30 लाख से डेढ़ करोड़ तक लिए जा रहे हैं. दूसरे वीडियो में प्रशांत किशोर हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले का आरोप लगा रहे हैं. इन वीडियो को लेकर प्रशांत किशोर को कानूनी नोटिस भेजा गया है और उनसे इन आरोपों का आधार पूछा गया है।
BPSC के वकील संजय सिंह ने नोटिस में लिखा है कि आपने विभिन्न समाचार चैनलों (मुख्य धारा मीडिया और यूट्यूब चैनल) पर अपने साक्षात्कार के दौरान BPSC के खिलाफ झूठे, गंदे और निराधार आरोप लगाए हैं। इससे आयोग की छवि धूमिल हुई है। नोटिस में लिखा है कि 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के संबंध में विशेष रूप से अनियमितता, भ्रष्टाचार और विभिन्न तरीकों से सीटों की बिक्री के बारे में बिना किसी आधार के झूठे आरोप लगाए गए हैं। इस तरह आपके ऐसे गैरजिम्मेदाराना कृत्य से आयोग को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, जिससे BPSC की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
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