बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष ने भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है. हम संरक्षक जीतन राम मांझी के साथ जदयू संसदीय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी पूर्व में कहा था कि बिहार में शराबबंदी विफल रही है.
अब बिहार सरकार के एक और मंत्री ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी फेल हो गई है. महागठबंधन की सरकार में राजद कोटे से उद्योग मंत्री बने समीर महासेठ ने भी शराबबंदी कानून की हकीकत बताई है. मंत्री समीर महासेठ ने कहा है कि सरकार शराबबंदी को लेकर बिहार के लोगों की उम्मीद पर खरी नहीं उतर पा रही है. ऐसे में शराबबंदी को लेकर लोगों का सवाल उठाना जरूरी है.
दरअसल, बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर महासेठ एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने वैशाली के भगवानपुर पहुंचे थे. इस बीच उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के बयान का समर्थन करते हुए शराबबंदी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा है कि बिहार में शराबबंदी कानून का क्रियान्वयन सरकार के दृढ़ संकल्प का परिणाम है. सरकार चाहती है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू रहे, लेकिन लोग कह रहे हैं कि बिहार में पैदा हो रहे हालात से शराबबंदी का कोई असर नहीं है. शराबबंदी को लेकर बिहार के लोगों की सरकार से जो उम्मीद है, उसमें हम कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.
उन्होंने कहा है कि सरकार चाहती है कि लोग शराब न पिएं और बिहार में कहीं से भी शराब की एंट्री न हो, लेकिन शराब की समानांतर मार्केटिंग से सरकार भी परेशान है. हालांकि ऐसा कतई नहीं है कि बिहार की जनता नहीं चाहती कि शराबबंदी लागू हो. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बड़ी बीमारियों में कमी आई है. सरकार पहले की तुलना में बेहतर काम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन लोगों की उम्मीद के मुताबिक शराबबंदी लागू नहीं हो पाई है. शराबबंदी की सफलता पर सवाल उठाने वाले उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर उन्होंने कहा कि कभी-कभी लोग बिहार में शराबबंदी को लेकर पैदा हुए हालात को देखकर अपनी राय देते हैं.