माता सीता की नगरी मिथिला में उत्सव का माहौल, पुनौरा धाम में जलाए जाएंगे 51000 दीप, मंगल गीत शुरू।

भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मिथिलांचल में तैयारी: 51 हजार दीपों से सजाया जाएगा पुनौराधाम, मठ-मंदिरों में भजन-कीर्तन शुरू: भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जितना उत्साह अवध में है, उतना ही उत्साह मिथिलांचल में भी देखने को मिल रहा है। सीतामढी. है। एक तरफ जहां अयोध्या में जश्न मनाया जा रहा है. वहीं, मां जानकी के मायके समेत घर-घर में रामोत्सव मठ-मंदिरों में उत्साह का माहौल है.

मठ-मंदिरों में रामधुन और भजन-कीर्तन शुरू हो गए हैं। सीता की जन्मस्थली सीतामढी में दस लाख से अधिक रामज्योत जलाकर दिवाली मनाने की तैयारी चल रही है. वहीं कार्यक्रम की तैयारी भी स्कूली छात्राओं द्वारा की जा रही है.

पुनौराधाम को 51 हजार दीपों से सजाया जाएगा

सीतामढी में जानकी जन्मभूमि पुनौराधाम में 51 हजार, रजत द्वार जानकी मंदिर और उर्विजा कुंड में 21 हजार और इसके अलावा पंथ पाकड़, हलेश्वर स्थान, बगही धाम, वैष्णव मंदिर, नारायण स्थिति राम जानकी मठ में 11 हजार और जनकपुर धाम में 1 लाख . जिले के सैकड़ों मठ-मंदिरों में दस लाख से अधिक दीप जलाने का लक्ष्य है.

22 जनवरी को रामज्योत जलाकर दीपोत्सव मनाया जाएगा। पूरे शहर में महावीरी झंडा और श्रीराम झंडा फहराया जा रहा है. पूरा जिला शांतिपूर्ण हो गया है. पुनौराधाम मंदिर परिसर में महंत कौशल किशोर दास के नेतृत्व में नव महायज्ञ चल रहा है.

पुनौराधाम मंदिर परिसर को फूलों और आकर्षक रोशनी से सजाया जा रहा है. 22 जनवरी को सीता की जन्मस्थली सीता कुंड पर गंगा आरती की जाएगी. पूरे मंदिर परिसर में 11 हजार रामज्योत जलाए जाएंगे. गौशाला चौक से लेकर भोरहा चौक तक झंडे लगाये जा रहे हैं. पांच सौ साल बाद हो रहे गृह प्रवेश के उपलक्ष्य में रजत द्वार जानकी मंदिर में भी उत्सव मनाने की तैयारी चल रही है.

इसके लिए शहर के मध्य स्थित रजत द्वार जानकी मंदिर में विशेष तैयारी शुरू कर दी गयी है. 22 जनवरी को जानकी मंदिर उर्विजा कुंड को 21 हजार दीपों से रोशन किया जाएगा और पूरे शहर में आतिशबाजी की जाएगी. यह जानकारी देते हुए नगर परिषद सीतामढी के सचिव व पूर्व सभापति सुवंश राय ने बताया कि सोनापट्टी से जानकी मंदिर तक घरों को सजाया जायेगा.

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