बिहार सरकार ने बदला वंशावली बनाने का नियम, लाने होंगे पांच गवाह, 10 रुपये लगेंगे खर्च

बिहार में वंशावली प्रमाण पत्र बनाने के नियमों में बदलाव हुआ है, सरपंच को मिला ये अधिकार, बनवाने से पहले पढ़ लें नियम: बिहार सरकार की नई नियमावली के तहत अब एक बार फिर वंशावली प्रमाण पत्र बनाने की जिम्मेदारी सरपंच को मिल गई है. हालाँकि, इस बार कुछ बदलाव किये गए हैं। पंचायती राज विभाग के आदेश के मुताबिक नई व्यवस्था के तहत वंशावली जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकार ग्राम कचहरी के मुखिया-सरपंच आवेदक से 10 रुपये नकद शुल्क के साथ शपथ पत्र लेने के बाद अपनी जांच शुरू करेंगे.

हालांकि आवेदक चाहे तो आरटीपीएस के माध्यम से भी वंशावली के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. यहां भी पहली बार के लिए सिर्फ ₹10 चार्ज देना होगा. शुल्क का भुगतान नहीं करने की स्थिति में आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। शुल्क प्राप्ति की रसीद आवेदन के साथ संलग्न की जायेगी। राशि पंचायत कोष में जमा करायी जायेगी.

पांच गवाह होने पर ही बनेगी वंशावली: सरपंच महेंद्र राय ने बताया कि नये नियम के तहत पहली बार वंशावली बनाने पर 10 रुपये, जबकि दूसरी बार बनाने पर 10 रुपये देने होंगे. ₹100 का भुगतान करें। वंशावली बनाने के लिए आपको पांच गवाह भी उपलब्ध कराने होंगे, जिनके आधार कार्ड की फोटोकॉपी आपके आवेदन के साथ संलग्न की जाएगी।

वंशावली बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेज़:
आवेदक का आधार कार्ड
पिता/पति का आधार कार्ड
आवेदक के दादा का मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि मृत हो, तो आधार कार्ड यदि जीवित हो)
5 गवाहों का आधार कार्ड
ग्राम पंचायत मुखिया, वार्ड सदस्य, आंगनवाड़ी सेविका चौकीदार और के हस्ताक्षर
मोबाइल नंबर
बिहार में भूमि माप, पीएम किसान योजना सहित कई योजनाओं में वंशावली का उपयोग किया जाता है।

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