पटना: राजगीर स्थित बिहार खेल विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC) के तहत औपचारिक मान्यता मिल गई है। यह उपलब्धि राज्य के खेल और शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
अब विश्वविद्यालय को शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान में स्नातक और डिप्लोमा/स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGD) जैसे शैक्षणिक पाठ्यक्रम शुरू करने का अधिकार मिल गया है।
शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रस्तावित पाठ्यक्रम:
संबंधित खबरें
- Лучшие Букмекерские Конторы В европейских 2025: Рейтинг Топ-14 Лучших Легальных Онлайн-букмекеров Для Ставок в Спорт В Интернете С Отзывами, превосходной Репутацией
- Mostbet Türkiye: Resmi Site, Kayıt, Bonus 5 673 Giriş Yapmak
- Pin Upward Azerbayjan Top On-line Casino With Fascinating Games!
- Azərbaycanda Rəsmi Sayt
- Gdzie Warto Grać?
1. खेल कोचिंग में डिप्लोमा/स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडी): यह पाठ्यक्रम दो या तीन प्रमुख खेलों में विशेषज्ञता प्रदान करेगा।
2. योग में डिप्लोमा/स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGD): योग को बढ़ावा देना और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना।
3. 4 वर्षीय शारीरिक शिक्षा स्नातक (बी.पी.एड.) (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद [NCTE] से अनुमोदन के अधीन)।
बिहार खेल विश्वविद्यालय का उद्देश्य शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह विश्वविद्यालय न केवल छात्रों को शैक्षणिक योग्यता प्रदान करेगा बल्कि उन्हें खेलों में भी सशक्त बनाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, “यह मान्यता बिहार के युवाओं के लिए खेल और शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगी। हमारा प्रयास विश्वविद्यालय को भारत में खेल शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है
पप्पू यादव ने BPSC छात्रों की मांग को लेकर 12 जनवरी को बिहार बंद का ऐलान किया