पटना: सूर्य उपासना का चार दिवसीय अनुष्ठान 5 नवंबर से शुरू होगा. पटना में छठ महापर्व की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. छठ व्रतियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन की टीम ने कमर कस ली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर खुद पटना के गंगा घाटों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं.
दरअसल, छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय-खाय के साथ होगी. छठव्रती 6 नवंबर को खरना करेंगे, जबकि 7 नवंबर को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को जल अर्पित करेंगे, जबकि 8 नवंबर को उगते सूर्य को जल अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन होगा. ऐसे में छठ व्रतियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए पटना जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और गंगा घाटों पर जिला प्रशासन की ओर से सभी तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं. जिला प्रशासन की ओर से की जा रही तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंगा घाटों पर पहुंचे और कैबिनेट मंत्रियों व विभागीय अधिकारियों के साथ स्टीमर पर सवार होकर सभी गंगा घाटों का निरीक्षण किया.
इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और मंत्री विजय चौधरी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी और पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिया है कि छठ महापर्व में किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए और गंगा घाटों पर सुरक्षा के साथ-साथ लाइटिंग, बैरिकेडिंग, गंगा में नाव समेत सभी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध होनी चाहिए. आपको बता दें कि पटना के शहरी क्षेत्र में कुल 109 घाटों पर छठ व्रती छठ पर्व कर सकेंगे. पटना के छठ घाटों को 19 सेक्टरों में बांटा गया है और हर सेक्टर में एक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है. जल्द ही पटना के खतरनाक घाटों की सूची जारी की जाएगी.