वे सदन की बेंचों पर कूदने लगे और इसी दौरान सदन में पीली गैस फैलने लगी. पूरे घर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. इसके बाद सांसदों ने उसे पकड़ लिया. कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बताया कि मैंने सबसे पहले उसे पकड़ा. कुछ ने तो उसकी पिटाई भी कर दी. इसके बाद उसे सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया. यह देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
इससे पहले 13 दिसंबर 2001 को 5 आतंकियों ने पुराने संसद भवन पर हमला किया था. इसमें दिल्ली पुलिस के 5 जवानों समेत 9 लोगों की मौत हो गई.
खगेन मुर्मू ने कहा, ‘मैं भाषण दे रहा था. तभी दाहिनी तरफ से आवाज आई तो मुझे पता चल गया कि कोई आ रहा है. सामने से सांसद और सुरक्षा गार्ड चिल्लाने लगे, “रुको!” उसके हाथ से धुआं निकल रहा था. घर में धुआं भर गया। युवा सीधे स्पीकर की ओर जा रहे थे। वे नारे लगा रहे थे कि तानाशाही नहीं चलेगी.
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बताया जा रहा है कि कार्यवाही के दौरान अंदर आए दो लोगों में से एक का नाम सागर है. दोनों सांसद के नाम पर लोकसभा विजिटर पास पर आए थे। दो लोगों ने घर के अंदर धुआं छोड़ा। उसी समय एक पुरुष और एक महिला ने घर के बाहर पीला धुआं छोड़ा। सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और बाहर ले गये. इस दौरान ये लोग नारेबाजी करते दिखे.