बिना जमाबंदी और होल्डिंग के जमीन की खरीद-बिक्री नहीं होती है. हाईकोर्ट: आने वाले दिनों में बहुत जल्द बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर कानून बदलने वाला है. आसान भाषा में कहें तो कुछ नियमों में बदलाव किया गया है, जिससे लोग पहले की तरह फर्जी तरीके से अपनी जमीन की रजिस्ट्री नहीं करा सकेंगे. पटना हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि अगर किसी व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी नहीं है तो वह न तो जमीन खरीद सकता है और न ही बेच सकता है.
बिना जमाबंदी व जमाबंदी के जमीन की खरीद-बिक्री नहीं होगी. इस संबंध में पटना हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा पंजीकरण नियमों में किए गए संशोधन को सही ठहराया। साथ ही इसे चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं.
मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति राजीव रॉय की खंडपीठ ने 21 पेज के फैसले में राज्य सरकार के संशोधन को बरकरार रखा। इसके बाद 10 अक्टूबर 2019 को जारी संशोधन अधिसूचना पर कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक स्वत: रद्द हो गई है. कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाते हुए कहा था कि संशोधन की तारीख के बाद की गई जमीन की रजिस्ट्री इस केस के फैसले पर निर्भर करेगी.
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पहले क्या थी व्यवस्था? पंजीयन अधिकारी दस्तावेजों का पंजीयन करने से इंकार नहीं कर सकते थे। सिविल न्यायालय को सही और गलत का निर्णय करने का अधिकार था।
संशोधन में ये है प्रावधान
10 अक्टूबर, 2019 को सरकार ने बिहार पंजीकरण नियमावली के नियम 19 में संशोधन किया था और उप-नियम (vii और viii) जोड़े थे। इसके तहत जमीन की खरीद, बिक्री और दान तभी संभव होगा जब जमीन बेचने वाले या दानकर्ता के पास जमा और होल्डिंग स्थापित हो। संशोधन के बाद पंजीयन अधिकारी अचल संपत्ति की बिक्री या दान के लिए प्रस्तुत दस्तावेज का पंजीयन करने से इंकार कर सकता है।