भाई-बहन के प्यार के पर्व रक्षा बंधन को इस बार 11 या 12 अगस्त को सीतामढ़ी में मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस विषय पर मिथिला और बनारस पंचग के विशेषज्ञों ने गहन विचार-विमर्श किया। मंथन के बाद ज्यादातर विशेषज्ञ 12 अगस्त को ही रक्षाबंधन मनाने पर राजी हो गए हैं।
रक्षाबंधन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। बनारस पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 9:35 से शुरू हो रही है और मिथिला पंचांग के अनुसार सुबह 9:42 बजे, जो बनारस पंचांग के अनुसार 12 अगस्त को सुबह 7:17 बजे तक और 7 बजे तक रहेगी l मिथिला पंचांग। 11 अगस्त को जब पूर्णिमा शुरू हो रही है, उसी के साथ भद्रकरण शुरू हो रहा है, जो रात 8.25 बजे तक रहेगा।
भद्र . में रक्षाबंधन नहीं
मिथिला और बनारस पंचांग के विद्वान इस बात से सहमत हैं कि भद्रा में कोई भी रक्षासूत्र नहीं बांधा जा सकता। मिथिला पंचांग के विशेषज्ञ पंडित श्री नारायण भगवान चौबे जी का कहना है कि भद्रा रात्रि में समाप्त हो रही है। रक्षाबंधन बांधने से पहले देवता को प्रसाद चढ़ाया जाता है। बनारस पंचांग के आचार्य व्यास दिलीप भारद्वाज और ज्योतिषाचार्य रूपेश चौबे का कहना है कि पूर्णिमा का उदय 12 अगस्त को पड़ रहा है। इसलिए उदय तिथि को देखते हुए सूर्य अस्त होने तक रक्षा बंधन मनाया जा सकता है।
मौके पर पंडित श्री नारायण भगवान चौबे ,आचार्य दिलीप भारद्वाज ,वैदिक दीपेश शास्त्री ,वैदिक बालाजी शास्त्री आदि मौजूद थे l