HomeBIHAR NEWSबीपीएससी टीचर की कहानी, 7 साल तक नशे में रही: मरियम को...

बीपीएससी टीचर की कहानी, 7 साल तक नशे में रही: मरियम को सहेली से लगी गांजा और अफीम की लत, अब कोई नहीं कर रहा शादी

‘मेरा नाम मुकेश (बदला हुआ नाम) है। मैं गोपालगंज का रहने वाला हूं। पढ़ाई के लिए पटना आया था। दोस्तों के साथ नशे की लत लग गई। 7 साल कैसे गुजर गए, पता ही नहीं चला। जब होश आया तो नशा छोड़ पढ़ाई शुरू कर दी। आज मैं बिहार में सरकारी टीचर हूं। बच्चों को पढ़ाई करने और नशे से दूर रहने को कहता हूं।’

साल 2007 की बात है। ग्रेजुएशन के दूसरे साल के बाद मैं आगे की पढ़ाई और नौकरी की तैयारी के लिए पटना आया था। गोपालगंज से बस से पटना छोड़ने मेरे पिता आए थे। रास्ते भर मुझे सपने दिखा रहे थे कि पटना जाकर कुछ बड़ा करना है। मैं भी सोचने लगा, खूब पढ़ाई करूंगा। दिन-रात मेहनत करूंगा। बैंकिंग की तैयारी करूंगा। अगर पीओ में सेलेक्ट नहीं हुआ तो क्लर्क की परीक्षा जरूर पास करूंगा। यही सब सोचते हुए मैं पटना के मीठापुर बस स्टैंड पहुंच गया।

‘मीठापुर बस स्टैंड से मैंने ऑटो पकड़ी और करबिगहिया पहुंचा और वहां से पैदल ही पोस्टल पार्क स्थित लॉज पहुंचा, जहां गांव का ही एक लड़का पहले से रहता था। वहां कमरा तय हुआ और पढ़ाई शुरू हुई। कुछ दिन बाद रात में पढ़ाई करते हुए जब मैं बाथरूम गया तो एक लड़का पास में खड़ा होकर गांजा पी रहा था। उसे अनदेखा करते हुए मैंने अपना काम खत्म किया और कमरे में चला गया। लेकिन, वह लड़का रोज रात में गांजा पीता था। जिसकी गंध मेरे कमरे तक आती थी। धीरे-धीरे मेरी उस लड़के से बातचीत होने लगी। वह लड़का भी कॉम्पिटिशन की तैयारी करने पटना आया था।’

‘रात में पढ़ाई करते हुए मुझे नींद आती थी। जिसके कारण मैं अपनी जरूरत के अनुसार पढ़ाई नहीं कर पाता था। धीरे-धीरे मेरी पढ़ाई में रुचि खत्म होने लगी। अब मेरे मन में दुविधा होने लगी कि क्या करूं। इसी बीच बैंकिंग का फॉर्म भरने का समय आ गया। मैंने फॉर्म भी भर दिया। लेकिन, पढ़ाई और तैयारी न होने के कारण रिजल्ट में मेरे बहुत कम अंक आए। वहीं लॉज में गांजा पीने वाले लड़के को मुझसे ज्यादा नंबर मिले। मैं सोचने लगा कि गांजा पीने के बाद भी उसने इतने अच्छे नंबर कैसे लाए।

एक रात मैंने उस लड़के से पूछा कि उसने इतने अच्छे नंबर कैसे लाए। उसने मुझे बताया कि मैं 3 साल से गांजा पी रहा हूं। गांजा पीने से दिमाग शांत होता है। मैं दूसरी चीजों के बारे में नहीं सोचता और पढ़ाई पर ध्यान देता हूं। मैं रात में गांजा पीता हूं और इसके प्रभाव में पूरी रात पढ़ाई करता हूं। इसे पीने के बाद पढ़ाई में मेरी रुचि बढ़ जाती है।

‘यह सब सुनकर मुझे भी गांजा पीने का मन हुआ। फिर मुझे घर की याद आई। अगले दिन वह मेरे कमरे में गांजा लेकर आया और बनाने लगा। वह कह रहा था कि परीक्षा आ रही है, अब मुझे दोनों समय पीना पड़ेगा। तभी मैं दोनों समय पढ़ाई कर पाऊंगा।’

‘उसने मुझसे पूछा कि बाथरूम के पास कुछ लोग हैं, क्या मैं तुम्हारे कमरे में ही गांजा पी सकता हूं। धुआं खिड़की से भी बाहर आएगा। मैं मना नहीं कर सका। वह मेरे कमरे में ही गांजा पीने लगा। इसी बीच उसने गांजा मेरी ओर बढ़ाते हुए कहा कि ले लो, इस बार भोले बाबा तुम्हारा भी भला करेंगे। पता नहीं मुझे क्या हो गया। उसके आग्रह पर मैंने भी गांजे का एक कश लिया और उसे वापस कर दिया। फिर मैंने लगातार 3-4 कश लिए।’

‘इसके बाद वह अपने कमरे से चला गया। मैं बिस्तर पर लेट गया। मुझे पढ़ाई करनी है। मुझे नौकरी करनी है। मुझे अपने माता-पिता का सम्मान बढ़ाना है। मुझे घर की हालत सुधारनी है। यही सोचते-सोचते 4 घंटे कब बीत गए, पता ही नहीं चला। शाम को मुझे भूख लगी। मैं बाहर गया और 2 की जगह 4 समोसे खाए और अपने कमरे में आकर शाम को सो गया। सुबह उठा।’

‘इसके बाद गांजा पीना, फिर मिठाई खाना, सोचना और सोना ऐसे ही चलता रहा। एक दिन लॉज वाला लड़का अपने गांव चला गया। मेरे पास गांजा नहीं था। उस रात मैं न सोया, न पढ़ाई की। खाने का भी मन नहीं कर रहा था। किसी तरह रात गुजरी। सुबह जब लड़का आया तो मैं उसके साथ कंकड़बाग ऑटो स्टैंड पर गांजा खरीदने गया. वहां 30, 50 और 100 रुपये के पैकेट थे. लड़के ने 30 रुपये वाला मांगा. मैंने सोचा कि रोज पीना ही है, चलो 100 रुपये का पैकेट खरीद लेते हैं. अब मुझे दुकान के बारे में भी पता चल गया. रोज गांजा पीना मेरी जिंदगी बन गई.”

मेरी जिंदगी के 7 साल ऐसे ही गुजर गए. मैं भारी मन से खाली हाथ गांव लौट आया. जब मैं गांव से गोपालगंज जाता था तो कभी-कभी गांजा पी लेता था. गांव वाले भी मुझे ताने मारने लगे. मेरे साथ के लड़कों ने कहीं सेटिंग कर ली थी. मुझे भी बुरा लगने लगा था. घर से भी ये सुनकर मैं तंग आ गया था. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं. इसी बीच मेरे पिता की मौत हो गई. जिसके बाद मेरी दुनिया थम गई. मैंने खुद अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी. इसलिए मैं 11 दिनों तक घर से बाहर नहीं निकला. इस बीच रिश्तेदार आते और मेरी नौकरी के बारे में पूछते। मुझे बुरा लगता। गांजा पीना छोड़ने के कुछ दिन बाद मुझे लगा कि गांजा पिए बिना भी रहा जा सकता है।’

  1. इसके बाद मैंने गांजा पीना पूरी तरह से छोड़ दिया। फिलहाल मैं बिहार सरकार के एक मिडिल स्कूल में शिक्षक हूं। मेरी शादी हो चुकी है। मेरी दो बेटियां हैं। गांजा छोड़ने के बाद मेरी जिंदगी में काफी बदलाव आया। अगर मैंने गांजा नहीं छोड़ा होता तो शायद मैं थककर आत्महत्या कर लेता।’

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
Admin
Adminhttp://99bihar.xyz
99Bihar बिहार के हिंदी की न्यूज़ वेबसाइट्स में से एक है. कृपया हमारे वेबपेज को लाइव, ब्रेकिंग न्यूज़ और ताज़ातरीन हिंदी खबर देखने के लिए विजिट करें !.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments