पार्टी नेताओं ने ही लगाया चिराग पर टिकट बेचने का आरोप, 40 करोड़ रुपये में तीन सीटों का हुआ सौदा, 22 वरिष्ठ नेताओं ने एक साथ पार्टी छोड़ने का किया ऐलान.

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एलजेपी (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान को बड़ा झटका लगा है. बुधवार को चिराग की पार्टी के 22 पदाधिकारियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है.

इसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अधिकारी शामिल हैं. इन सभी नेताओं ने बुधवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और चिराग पासवान पर लोकसभा चुनाव में मोटी रकम लेकर बाहरी उम्मीदवारों को पार्टी के टिकट बेचने का आरोप लगाया.

इन नेताओं ने दिया इस्तीफा एलजेपी (रामविलास) के जिन नेताओं ने आज पार्टी से इस्तीफा दिया है उनमें पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री रेनू कुशवाहा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व विधायक सतीश कुमार, पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री रवींद्र कुमार सिंह, पार्टी के प्रदेश विस्तार प्रमुख शामिल हैं.

अजय कुशवाहा, संसदीय बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश यादव, प्रदेश महासचिव राजेश दांगी, प्रदेश महासचिव चितरंजन कुमार, कला, संस्कृति एवं खेल प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर प्रसाद यादव, खेल एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष अभिनव चंद्रा, प्रदेश सचिव रंजन पासवान , प्रदेश सचिव अवध बिहारी. कुशवाहा, संजय लाल, युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव राज सिन्हा, प्रदेश पदाधिकारी संजय लाल, दीपक कुमार, विपीन पटेल, शंभू पहाड़िया, शैलेन्द्र कुमार, अशोक मंडल, अजीत कुशवाहा, राज सिंह, अभिनव पटेल, सुरेंद्र सिंह, चितरंजन कुमार व रंजीत कुमार। शामिल हैं।

चिराग पासवान पर लगे गंभीर आरोप इन नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिराग पासवान पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. एलजेपी (रा) नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिला

लेकिन सारे टिकट या तो परिवार के पास चले गए या फिर बाहरी लोगों को भारी रकम में बेच दिए गए. इन नेताओं का आरोप है कि चिराग पासवान ने तीन टिकट कुल 40 करोड़ रुपये में बेचे हैं.

. जबकि पांच टिकटों में से एक भी टिकट किसी भी पार्टी कार्यकर्ता को नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि वैशाली लोकसभा सीट से सांसद वीणा देवी ने चिराग पासवान को बहुत बड़ा धोखा दिया है.

वीणा देवी ने ही साल 2021 में एलजेपी में विभाजन की रूपरेखा तैयार की थी. लेकिन वीणा देवी से पैसे लेकर उन्हें दोबारा टिकट दे दिया गया.

एलजेपी (रा) से इस्तीफा देने वाले नेताओं ने कहा कि पूरे बिहार में पार्टी में घबराहट है. अब कोई भी कार्यकर्ता इस पार्टी में रहना नहीं चाहता. यह तय हो गया है कि पार्टी के लिए चाहे कितना भी खून-पसीना बहाया जाए,

यह तय हो गया है कि पार्टी के लिए चाहे कितना भी खून-पसीना बहाया जाए, लोकसभा या विधानसभा चुनाव में टिकट उसी को मिलेगा जो पैसे देगा। ऐसे में इस पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है.