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क्यों था Sidhu Moosewala और लॉरेंस बिश्नोई में झगड़ा? | Lawrence Bishnoi Latest | RJ Raunak

दोस्तों तारीख थी 7 अगस्त साल था 2021 जगह थी मोहाली का सेक्टर 71 अकाली दल के नेता और लॉरेंस बिश्नोई के जिगरी आर विक्की मिदुखेरा अपने एक प्रॉपर्टी डीलर दोस्त से मिलने आए थे तभी वहां एक सफेद रंग की गाड़ी आकर रुकती है गाड़ी से चार हमलावर बाहर निकलते हैं इन चारों ने चेहरे पर मास्क लगा रखा था चार में से दो हमलावर विक्की के पीछे दौड़ते हैं और इससे पहले कि विक्की अपनी गाड़ी में दोबारा बैठ पाता हमलावरों ने चंद सेकंड में ही विक्की पर 20 राउंड गोलियां दाग दी गाड़ी में बैठने से पहले ही विक्की मिदुखेरा की जांच चली गई विक्की लॉरेंस बिश्नोई का पक्का यार था !

क्यों था Sidhu Moosewala और लॉरेंस बिश्नोई में झगड़ा? | Lawrence Bishnoi Latest | RJ Raunak 

विक्की के इस मर्डर के बाद लॉरेंस घायल शेर बन जाता है कुछ देर बाद ही वह के इस मर्डर के लिए सिद्धू मूसेवाला और उसके मैनेजर शगुन प्रीत सिंह को जिम्मेदार मानते थे लॉरेंस ने कई बार कहा है कि सिद्धू मूसेवाला ने विक्की के हत्यारों की मदद की उन्हें पैसे दिए हथियार दिए लॉरेंस ने अपने एक इंटरव्यू में यहां तक कहा कि सिद्धू मूसेवाला विक्की मिदु खेड़ा के मर्डर की शेखिनाह के लिए 7 अगस्त 2021 को विक्की का मर्डर हुआ और उसी दिन से लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी ब्राड सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की तैयारी करने लग गए विक्की के मर्डर के टाइम लॉरेंस बिश्नोई तिहाड़ में था तिहाड़ में रहकर ही उसने कनाडा में बैठे अपने पार्टनर गोल्डी ब्राड के साथ मिलकर मुसेवाला के मर्डर की प्लानिंग करनी शुरू कर दी !

क्यों था Sidhu Moosewala और लॉरेंस बिश्नोई में झगड़ा? | Lawrence Bishnoi Latest | RJ Raunak 

सबसे पहले लॉरेंस बिश्नोई के पास एक ई सिम पहुंचाया गया ई सिम में कोई सिम कार्ड नहीं लगता इसे सॉफ्टवेयर के थ्रू एक्टिव किया जाता है पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी ब्राड ने मुसेवाला के मर्डर के लिए 10 महीने लगाकर एक पूरा रैकेट तैयार किया हैरानी की बात यह है कि रैकेट में इवॉल्व सभी लोगों को मिलकर काम करना था मगर एक टीम के लोग दूसरी टीम के लोगों को जानते तक नहीं थे !

उन्हें बस यह पता होता था कि उस जगह इस आदमी को हथियार देना है उस आदमी को गाड़ी में बिठाना है मगर कौन आदमी क्या है उसकी पहचान क्या है किसी को कुछ नहीं पता था ये सब कुछ कनाडा में बैठा गोल्डी ब्रार ही ऑपरेट कर रहा था कभी लोग जानते हैं कि 29 मई को मुसेवाला के मर्डर से पहले गोल्डी ब्राड और लॉरेंस बिश्नोई के छह आदमी 15 दिन में मूसेवाला को मारने की आठ बार कोशिशें कर चुके थे मगर उस वक्त मूसेवाला को पंजाब पुलिस तरफ से हैवी सिक्योरिटी मिली हुई थी खुद को मिल रही धमकियों के बाद मुसेवाला बुलेट प्रूफ fortune 4 लोगों की वीआईपी सिक्योरिटी कम की है!

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  • उसमें सिद्धू मूसेवाला भी है गोल्डी ब्राड को पता था कि इससे अच्छा मौका उसे नहीं मिल सकता था खबर मिलते ही उसने अपना पूरा गैंग एक्टिव कर दिया उसने अपने शूटर्स को यहां तक कहा कि अगर मुसेवाला Ak47 से ना मरे तो उसकी गाड़ी को हैंड ग्रेनेड लगाकर उड़ा देना फिर आया 29 मई का वो दिन उस दिन क्या-क्या हुआ कैसे-कैसे हुआ उसके एक-एक लम्हे की आज हम आपको वो इंफॉर्मेशन देंगे जो शायद ही आपने आज से पहले किसी और प्लेटफार्म पर सुनी होगी मगर इससे पहले कि हम 29 मई के उस दिन पर आए आपके साथ एक बात शेयर करनी है !

दोस्तों 28 मई को गोल्डी ब्राड को जैसे ही पता चला कि सिद्धू मूसेवाला की सिक्योरिटी हटा ली गई है तो उसने अपना पूरा गैंग एक्टिव कर दिया 29 मई की सुबह होते ही सबसे पहले चार हत्यारे हरियाणा के की मारा इलाके में पहुंच गए इसके बाद कुछ और हत्यारे हरियाणा के उकलाना मंडी से मानसा केलिए निकल पड़े 11:30 के आसपास ये सभी लोग मानसा मंडी से पहले एक ढाबे पर पहुंच गए गोल्डी ब्राड के कहने पर ये सभी लोग 4:00 बजे तक उस ढाबे पर रुके रहे और फिर शुरू हुआ असली खेल 4:00 बजते बजते हरियाणा साइड के शूटर उस ढाबे पर आ गए और ठीक 15 मिनट बाद पंजाब साइड के दोनों शूटर्स मनप्रीत मान और जगरूप रूपा भी उसी ढाबे पर पहुंच गए और इसके बाद ये सभी लोगअपने चीफ गोल्डी ब्रार के अगले ऑर्डर का वेट करने लगे तभी 4:30 बजे गोल्डी ब्र का फोन आता है दूसरी तरफ से वो अपने शूटर्स को बताता है कि सुनो सिद्धू के घर का बड़ा गेट खुल गया है !

और तुम लोग अभी उसके घर के लिए निकल पड़ो इसके बाद गोली गिरफ्तार से शूटरों की दोनों गाड़ियां मुसेवाला के घर के लिए निकल गई उनमें से एक बंदा केशव उसी ढाबे पर रुक गया प्लान के हिसाब से मर्डर के बाद सभी को उसी ढाबे पर वापस मिलना था शूटरों की बोलेरो कार मानसा चौक पर ही रुक गई तभी गोल्डी ब्रार का फिर फोन आया उसने बताया मुसेवाला घर से निकल गया है ब्लैक कलर की गाड़ी में है साथ में कोई सिक्योरिटी नहीं है यह सुनते ही शूटरों की गाड़ी वहां वेट करने लगी थोड़ी ही देर में मुसेवाला की थार ने शूटरों की बोलेर को क्रॉस किया और फिर शूटरों की गाड़ी मुसेवाला के पीछे लग गई मानसा चौक पर खड़ी दूसरी गाड़ी ने भी मुसेवाला की थार को फॉलो करना शुरू किया !

तभी दो गाड़ियों में शामिल छह शूटरों ने अपनी गाड़ी को सिद्धू मूसेवाला की गाड़ी के आगे लगाया और उसे आगे पीछे से घेर लिया इससे पहले मूसेवाला कुछ समझ पाता इन छह शूटरों ने 19 राउंड गोलियां दाग कर सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी मूसेवाला की तरफ से भी इन हथियारों पर छह गोलियां चलाई गई हथियार मुसेवाला को मारने के लिए इतने डिस्परेयूनिया मारने के बाद उन्होंने उसकी बॉडी को हिलाकर यह भी चेक किया कि कहीं व जिंदा तो नहीं इस तरह विक्की मिदु खेड़ा की मौत के 9 महीने बाद लॉरेंस बिश्नोई ने सिद्धू मूसेवाला का मर्डर करवाकर अपना बदला ले लिया पुलिस जांच में पता चला कि ये लोग मुसेवाला को मारने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थे !

मूसेवाला के मर्डर पर इस गैंग ने ₹ करोड़ खर्च कर दिए मर्डर में शामिल हर शूटर को बताया जा रहा है -5 लाख दिए गए हथियारों ने अपने लेवल पर हथियार इकट्ठा किए ही थे गोल्डी ब्रार ने भी उनके लिए एक 47 का बंदोबस्त किया था उसने ने इस काम को अंजाम दिलाने के लिए देश की 10 अलग-अलग जेलों में बंद कम से कम 60 गैंगस्टर से बात करके अपनी एक टीम बनाई थी इसमें हर गैंगस्टर और उसके गुर्गे को उसके हिस्से का काम पहले ही बता दिया गया था मसलन मूसेवाला के कत्ल के लिए किसे रैकी करनी है किन-किन लोगों को मूसेवाला पर हमला करना है किन-किन लोगों को मर्डर के बाद शूटरों को भगाने में मदद करनी है किनको शूटरों के लिए और उनको छुपने के लिए होटलों का इंतजाम करना है किसको गाड़ी देनी है और किसे कत्ल में इस्तेमाल किया गया हथियार लेकर अपने ठिकाने पर लौट जाना है !

कहने का मतलब है कि गोल्डी ब्रार ने हर किसी के हिस्से का काम पहले ही तय कर रखा था और जैसे ही मुसेवाला का मर्डर हुआ 9 महीने से बदले की आग में तड़प राहा लॉरेंस बिश्नोई फिर से अपना हथियार लोड रखता हूं इसलिए हमने अब अपने ब्रदर की हत्या का बदला ले लिया है लेकिन यह अभी सिर्फ शुरुआत है जो भी हमारे ब्रदर की हत्या में शामिल थे वो चौकन हो जाए सिद्धू मूसेवाला मर्डर के बाद इस पूरे कंस्पिरेशन में शामिल जगरूप रूपा और मनप्रीत उर्फ मन्नू का पुलिस ने अमृतसर के पास एनकाउंटर कर दिया था वहीं लॉरेंस का बेहद करीबी गैंगस्टर सचिन बिश्नोई मूसेवाला के मर्डर से पहले 21 अप्रैल 2022 तक भारत में था !

लेकिन बाद में उसने तिलकर राज टुटेजा के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया और भारत से फरा हो गया इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि उसका पासपोर्ट दिल्ली के रीजनल पासपोर्ट दफ्तर से ही बना था सचिन बिश्नोई का फर्जी पासपोर्ट दिल्ली के संगम विहार इलाके के एक पते पर बनाया गया था उसने मुसे वाला हत्याकांड का सारा प्लान तैयार किया था मर्डर में इस्तेमाल शूटरों के रहने खाने शेल्टर पैसे गाड़ियों का इंतजाम किया था और फिर फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत के रास्ते वो दुबई भाग गया इसके बाद वह दुबई से अजरबैजान चला गया इसमें कोई डाउट नहीं है कि मूसेवाला के मर्डर के बाद लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी ब्राड के नाम से फ पर इस मर्डर की पूरी रिस्पांसिबिलिटी ली गई लेकिन तब से आज तक लॉरेंस बिश्नोई ने इस पर कई बार अपने बयान बदले शुरू में उसकी तरफ से ये कहा गया था कि हमने विक्की की मौत का बदला ले लिया है !

यह बात भी निकल कर आई थी कि 2018 में कनाडा में बैठा गोल्डी ब्रार और लॉरेंस के खास गैंगस्टर्स के मना करने के बावजूद सिद्धू मूसेवाला ने लांडा रोड पर एक गांव में चल रहे कबड्डी कप में शो करने वो चले गए थे उस शो में जाने के लिए सिद्धू ने मुंबई का एक शो भी कैंसिल कर दिया था इसी के रंजीस को लेकर गोल्डी ब्रार से उनकी काफी ज्यादा अनबन भी हुई थी क्योंकि गोल्डी ब्राड का ग्रुप नहीं चाहता था कि सिद्धू मूसेवाला यहां पर आकर कबड्डी कप में हिस्सा ले और शो करें इसके बाद ही उनकी आप से रंजीस बहुत ज्यादा बढ़ गई थी इसलिए 29 मई को जब मुसेवाला का मर्डर हुआ तो लॉरेंस ने इसी रंजिश के चलते बदला लेने की बात की थी लेकिन आगे चलकर उसने कहा कि मुसेवाला से तो उसकी कोई पर्सनल दुश्मनी थी ही नहीं लेकिन मूसेवाला के गायक गीतों से ऐसा लगता था कि वह अपने गानों के जरिए उसे चुनौती दे रहा है !

लॉरेंस को यह भी लगता था कि मूसेवाला अपने गीतों में गैंगस्टर दविंदर बबीहा और उसके गैंग की तारीफ करता है इसके बाद मार्च 2023 में जेल से एक टीवी चैनल को दी एक इंटरव्यू में बिश्नोई ने फिर से कहा कि उसे मर्डर की प्लानिंग की जानकारी तो थी मगर मैं इसमें शामिल नहीं था ये सारी प्लानिंग बाहर गोल्डी ब्रार भाई ने की और मूसेवाला ने मेरे बड़े भाई विक्की मिदु खेड़ा का मर्डर भी करवाया था और ये स्टेज से उसकी डींगे भी हकता था हमारे एंटी गैंग को सपोर्ट करता था!

जेल में भी उनसे बातें करता था और जेल में भी उन्हें सपोर्ट करता था कांग्रेस में इसकी अच्छी पकड़ थी कॉमेडियन राजा वेडिंग और सीएम चन्नी के साथ इनके अच्छे रिलेशन थे पुलिस भी इनके असर में थी इसके बाद दिसंबर 2023 में कोर्ट में दिए अपने बयान में लॉरेंस ने फिर से कहा कि वह वोह मूसेवाला गांव का रहने वाला भी नहीं था मूसेवाला से उसकी कोई निजी दुश्मनी भी नहीं थी ऐसा कोई फाइल रिकॉर्ड में भी नहीं है कि उसने सिद्धू मूसेवाला से किसी फिरौती की मांग भी की हो मृतक सिद्धू मूसेवाला ने भी कभी भी उसके खिलाफ पुलिस के पास फिरौती मांगने को लेकर कोई शिकायत नहीं की वेल मूसेवाला के मर्डर को आज 2 साल हो गए हैं इस मामले में कई लोग पुलिस की गिरफ्त में भी हैं!

कुछ का एनकाउंटर हुआ है कुछ अब भी फरार है मगर सिद्धू मूसेवाला के मर्डर के बाद जिस तरह लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया उस ने उस वक्त पूरे देश को हिला कर रख दिया था इतने हाई प्रोफाइल शख्स के मर्डर ने उस वक्त कई सवाल भी खड़े किए थे लोग इस बात से भी हैरान थे कि एक गैंगस्टर इतना ताकतवर कैसे हो सकता है कि वह जेल के अंदर रहकर इतने बड़े आदमी का ना सिर्फ मर्डर प्लान कर ले बल्कि उसकी हत्या भी करवा दे अगर यह कोई इकलौता मामला होता तब भी बातें आई गई हो सकती थी मगर जिस तरह लॉरेंस बिश्नोई का गैंग उसके जेल में होने के बावजूद एक्टिव है जिस तरह उसके लोगों ने करनी सेना के चीफ के घर में उनका मर्डर किया जिस तरह लॉरेंस बिश्नोई के लोगों ने इस साल सलमान खान जैसे सुपर के घर पर फायरिंग कर दी उसे लगातार धमकियां भी मिल रही हैं जिस तरह उसने महाराष्ट्र के एक पॉलिटिकल फिगर को इतने बड़े नाम बाबा सिद्दीकी की हत्या करवा दी उसने आज हर किसी को हिलाकर रख दिया है !

कुछ लोग उसे दाऊद से कंपेयर कर रहे हैं कुछ लोग उसे हीरो मानते हैं कानून की नजर में वो गैंगस्टर है अपराधी है मगर जिस तरह उसने खुलेआम चैलेंज करके अपने दुश्मनों को मारा है उसने सबका ध्यान अपनी तरफ जरूर खींचा है मूसेवाला के जाने का दर्द उनके फैंस आज तक महसूस कर रहे हैं मगर गैंगस्टर्स का पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री से रिश्ता या दुश्मनी काफी पुरानी है 2018 की बात बताता हूं पंजाबी सिंगर परमेश वर्मा पर भी गोली चली थी तब वो जैसे-तैसे उस हमले में बच गए थे 1996 में पंजाबी सिंगर दिलशाद अख्तर पर भी हमला हुआ था 1988 में संगीतकार अमर सिंह चमकीला की भी हत्या कर दी गई थी मगर सिद्धू मूसेवाला की मौत ने हाल फिलहाल जैसा असर छोड़ा वैसी कोई दूसरी मिसाल नहीं है सिद्धू मूसेवाला के हथियारों के पास अपनी करतूत की अपनी वजह है लॉरेंस के चाहने वाले इसे अपनी नजर से देखते हैं बाकी आपकी  इस पूरे मामले पर क्या राय है कमेंट करके जरूर बताइएगा क्योंकि आपका हर एक कमेंट हमारे लिए इंपॉर्टेंट है !

 

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