मुंगेर में 14 वर्ष पूर्व हुए मो. कल्लू उर्फ कलीम हत्याकांड मामले में एडीजे पंचम धीरज कुमार मिश्रा की अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए हत्यारे भाई और उसके दामाद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
दरअसल, मुंगेर के मुर्गियाचक निवासी मो. कल्लू उर्फ कलीम की 14 वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में एडीजे पंचम धीरज कुमार मिश्रा की अदालत में सत्र वाद संख्या 846/2010 में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. जिसमें बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने हत्यारे बड़े भाई मो. बरकत अली और उसके दामाद मो. जावेद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
सजा सुनाए जाने के बाद जावेद की पत्नी कई बार बेहोश हो गई। इस संबंध में एपीपी को सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी। इस मामले में मृतक के चार रिश्तेदारों में से मझले भाई, भाभी, दीदी और जीजा के साथ तीन अन्य गवाह मुकर गए थे। एपीपी सुशील कुमार ने बताया कि पिछले कई वर्षों से यह मामला फैसले के लिए लंबित था लेकिन सभी गवाहों और जांच पूरी होने के बाद दोषियों को सजा दी गई।
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बता दें कि 18 मार्च 2010 को मकान के बंटवारे को लेकर छोटे भाई मो. कल्लू उर्फ कलीम और बड़े भाई मो. बरकत के बीच विवाद हुआ था। इसी दौरान मो. बरकत अली का दामाद मो. जावेद वहां पहुंचा तो ससुर और दामाद ने मो. कल्लू के सिर पर लाठी और लोहे की रॉड से वार कर दिया, जिससे इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इसी को लेकर कोर्ट ने यह सजा सुनाई है।