बिहार की राजधानी पटना में एक अजीबोगरीब बुखार ने डॉक्टरों को हैरान कर दिया है. इस बुखार में मरीजों के पैरों में इतना दर्द होता है कि उन्हें चलने में भी दिक्कत होती है. इसलिए लोग इसे ‘लंगड़ा बुखार’ कह रहे हैं. यह बुखार पटना के कई इलाकों में फैल चुका है, खासकर उन इलाकों में जहां पहले डेंगू के मरीज मिले थे.
पटना के इन इलाकों में फैला ‘लंगड़ा बुखार’
जानकारी के मुताबिक, लोहानीपुर, कदमकुआं, भूतनाथ रोड, चित्रगुप्तनगर, कांटी फैक्ट्री रोड, अशोकनगर, न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी, दीघा, सिपारा, जयप्रकाशनगर और पीसी कॉलोनी जैसे इलाके इससे प्रभावित हैं. अस्पतालों में आने वाले बुखार के 20 से 25 फीसदी मरीजों में इस नए बुखार के लक्षण दिख रहे हैं.
क्या हैं लक्षण
इस बुखार में तेज बुखार के साथ पैरों में तेज दर्द होता है. टखनों और घुटनों में सूजन भी होती है. मरीज को चलने में काफी दिक्कत होती है. हैरानी की बात यह है कि जांच में न तो डेंगू निकल रहा है और न ही चिकनगुनिया। डॉक्टरों के अनुसार इस बार बुखार के मरीजों में अलग-अलग तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। जांच में न तो डेंगू, न चिकनगुनिया और न ही टाइफाइड निकल रहा है। लेकिन बहुत तेज बुखार के साथ-साथ पीड़ितों के पैरों में तेज दर्द, टखनों और घुटनों के आसपास सूजन के लक्षण मिल रहे हैं। पटना के कई मोहल्लों से ऐसे दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं। लोगों को चलने में भी परेशानी हो रही है।
संबंधित खबरें
10-15 दिनों तक चलने में असमर्थ होते हैं मरीज
डॉक्टर इसे लंगड़ा बुखार इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसमें मरीज को चलने में बहुत परेशानी होती है, मानो वह लंगड़ा हो गया हो। यह बुखार चिकनगुनिया की तरह लंबे समय तक परेशान करता है। ठीक होने के बाद भी मरीज 10 से 15 दिनों तक ठीक से चलने में असमर्थ होता है।