पटना: इस वक्त की बड़ी खबर राजधानी पटना से आने वाली है. जहां महावीर मंदिर और राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य रहे पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल का निधन हो गया है. किशोर कुणाल को आज सुबह दिल का दौरा पड़ा और उन्हें तुरंत महावीर वत्सला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल का आज सुबह निधन हो गया है. जानकारी के मुताबिक उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. जिसके बाद उन्हें तुरंत महावीर वत्सला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. किशोर कुणाल सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हैं और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक थे. उनके निधन की पुष्टि उनके बेटे ने की है.
आईपीएस की सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद आचार्य किशोर कुणाल सामाजिक कार्यों से जुड़ गए और वर्तमान में वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव भी थे. महावीर मंदिर ट्रस्ट बोर्ड पटना में कई स्कूल और कैंसर अस्पताल चलाता है. आचार्य किशोर कुणाल राजधानी पटना में ज्ञान निकेतन जैसे प्रसिद्ध स्कूल के संस्थापक भी हैं. वीपी सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए आचार्य किशोर कुणाल को विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए केंद्र सरकार ने विशेष अधिकारी नियुक्त किया था।
संबंधित खबरें
- बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का आज आखिरी दिन, विधानसभा पहुंचे सीएम नीतीश कुमार
- किशनगंज में राजधानी एक्सप्रेस के ब्रेक बाइंडिंग से अचानक उठा धुआं, यात्रियों में हड़कंप
- Reels रील बनाने के जुर्म में जेल जाने की तैयारी में एक शख्स ने चलती ट्रेन में सीट कवर फाड़ना शुरू कर दिया
- PM Modi ने Nitish Kumar को नहीं दिया मिलने का टाइम? BJP की तरफ से आई सफाई !मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
- BPSC छात्रों के समर्थन में उतरीं प्रियंका गांधी, कहा- कड़ाके की ठंड में पानी डालना और लाठीचार्ज करना अमानवीय
किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उन्होंने मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव से स्कूली शिक्षा प्राप्त की। 20 साल बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में स्नातक किया। वे 1972 में गुजरात कैडर से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी बने और पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हुए। वहां से वे 1978 में अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बने। वे संस्कृत के विद्वान भी हैं।
किशोर कुणाल को 1983 में पदोन्नति मिली और वे पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हुए। कुणाल ने 1990 से 1994 तक गृह मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी के पद पर काम किया। आईपीएस अधिकारी के तौर पर कुणाल पहले से ही धार्मिक कार्यों से जुड़े हुए थे। 2000 में पुलिस से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति का पद संभाला। वे 2004 तक इस पद पर रहे और बाद में वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) के प्रशासक बने और प्रचलित जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार की पहल की।