बारिश होने से पहले खेत में निपटा लें ये काम, पढ़ें पूरी जानकारी
हमारे देश में मानसून की शुरुआत हो जाती है, जिसमें भारत में मानसून की बारिश दक्षिण-पश्चिम मानसून के जरिए शुरू होती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल मानसून सीजन यानी जून से सितंबर के दौरान भारत समेत दक्षिण एशिया में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है। इसलिए, हम किसान भाइयों के लिए कुछ खास सलाह देने जा रहे हैं, जिसे ध्यान से पढ़ना आपके लिए बेहद जरूरी हो गया है।
बारिश होने से पहले खेत में निपटा लें ये काम, पढ़ें पूरी जानकारी
इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद
इस बार अच्छी मानसूनी बारिश को देखते हुए किसान धान जैसी पानी की ज्यादा खपत वाली फसलें उगा सकते हैं। साउथ एशियन क्लाइमेट आउटलुक फोरम (SASCOF) ने 2024 के मानसून के अपने पूर्वानुमान में कहा है कि दक्षिण एशिया के उत्तरी, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। इस दौरान ज्यादातर इलाकों में तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है। ऐसे में किसानों के लिए अपनी फसलों की उचित देखभाल करना बेहद जरूरी हो गया है।
बारिश से पहले खेतों में क्या करें तैयारी
फिलहाल हो रही रिमझिम बारिश खरीफ फसल उत्पादन के लिए अमृत साबित होगी। मई के पहले सप्ताह में हुई बारिश ने खेतों की जुताई का काम शुरू कर दिया है। मई में जुताई किए गए खेत में सूरज की गर्मी पड़ने के बाद मिट्टी से कीटाणु खत्म हो जाते हैं और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। जिससे खरीफ फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
संबंधित खबरें
- Aadhar card खराब या खो गया है तो परेशान न हों: घर बैठे मंगवाएं नया कार्ड, इसके लिए देने होंगे ₹50, देखें
- OnePlus New Smartphone Premium 5G: Oneplus’s new phone with 250MP camera and 8400mAh battery
- इस नन्ही dancer की Post आपकी सोच बदल देगी | Bhumika @BhumikaTiwari.official | Hindi
- क्या आप नई कार खरीदने की योजना बना रहे हैं? लोन लेने से पहले 20/4/10 का नियम जरूर जान लें, फायदे में रहेंगे
- लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
बारिश से पहले खेत में निपटा लें ये काम, पढ़ें पूरी जानकारी
मौजूदा बारिश आपके लिए फायदेमंद हो सकती है
फिलहाल हो रही रिमझिम बारिश खरीफ फसल के लिए अमृत साबित होगी। किसानों को उत्साहित होकर बारिश का लाभ उठाने के लिए खेतों की तैयारी शुरू करने की जरूरत है। मई महीने में खेत की जुताई करने के बाद खरीफ फसल की बुवाई तक सूरज की किरणें खेतों की मिट्टी पर पड़ती हैं और मिट्टी से कीट और खरपतवार नष्ट हो जाते हैं। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।