एक बड़ी खबर सामने आ रही है बताया जा रहा है कि केके पाठक ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा इस्तीफे का पत्र बिल्कुल सच है लेकिन इसमें एक तकनीकी मामला है. आसान भाषा में कहें तो केके पाठक 9 जनवरी से 16 जनवरी तक छुट्टी पर गए हैं और नियमानुसार जब कोई वरिष्ठ अधिकारी छुट्टी पर जाता है तो तकनीकी तौर पर उसे अपने पद से इस्तीफा देना होता है. आसान भाषा में कहें तो केके पाठक शिक्षा विभाग से कहीं नहीं गए हैं और जल्द ही लौटकर कार्यभार संभालेंगे.
केके पाठक ने नहीं दिया अपने पद से इस्तीफा, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा निकला फर्जी.
वायरल इस्तीफे के पीछे का सच क्या है?
संबंधित खबरें
- नितिन गडकरी ने किया ऐलान- बिहार में होंगे अमेरिका के बराबर हाईवे, चार साल में बदल जाएगी सूरत
- सोनपुर मेले में आया है 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाला घोड़ा, घी से की जाती है मालिश, कीमत जानकर हर कोई हैरान
- गिरिराज सिंह का हेमंत सोरेन और कांग्रेस पर बड़ा आरोप, कहा- वे रांची को कराची बनाना चाहते हैं
- नीतीश कैबिनेट की बैठक, कई एजेंडों पर लगेगी मुहर, नौकरी और रोजगार पर रहेगी नजर
- बिहार में सुलझेगा मकान का सवाल, पांच साल में मिलेगा 5 लाख रुपये का मकान
▪️बिहार में सरकारी कर्मचारियों के कामकाज के लिए एक कोड है, अनुसूची संख्या 53 के तहत महत्वपूर्ण पद पर तैनात अधिकारी को लंबी छुट्टी पर जाने से पहले फॉर्म 202 भरना होता है.
▪️इस स्टेटमेंट में उन्हें यह बताना होगा कि वे छुट्टी की अवधि के लिए अपना पद छोड़ रहे हैं, केके पाठक ने इसी नियम के तहत त्याग पत्र भरा है और छुट्टी पर चले गये हैं.
▪️सरकारी नियमों के मुताबिक 16 जनवरी के बाद जब वह छुट्टी से लौटेंगे तो दोबारा पद संभालने के लिए फॉर्म भरेंगे.
▪️इस पत्र का विवरण सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि केके पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.