रेलवे ट्रेनों में बढ़ाएगा स्लीपर, जनरल कोच, मंत्री ने दिए निर्देश: गर्मी के मौसम में यात्रियों को होने वाली समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों को पांच मोर्चों पर युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही कहा गया है कि ट्रेनों में नॉन एसी स्लीपर और अनारक्षित श्रेणी के कोचों की संख्या बढ़ाना और वातानुकूलित कोचों में एयर कंडीशनिंग सिस्टम की खराबी की शिकायतों का समाधान करना शामिल है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, रेलवे, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रेलवे बोर्ड के सदस्यों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों और सभी मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) के साथ विस्तृत बैठक की। इसमें यात्रियों की सुविधा के लिए प्राथमिकताएं तय की गईं।
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मंत्री ने गर्मी के मौसम में ट्रेनों में भीड़भाड़ की समस्या का संज्ञान लिया। उन्होंने रेलवे अधिकारियों से भीड़भाड़ की समस्या के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री ने ट्रेनों में स्लीपर क्लास और सामान्य श्रेणी के डिब्बों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए, ताकि इन श्रेणियों के यात्री आराम से यात्रा कर सकें और उन्हें उच्च श्रेणी के डिब्बों में जबरन चढ़ने के लिए मजबूर न होना पड़े।
दूसरा, अत्यधिक तापमान और अधिक यात्रियों के चढ़ने के कारण एसी-3 और एसी-2 डिब्बों में एयर कंडीशनर खराब हो रहे हैं, जिससे वातानुकूलित श्रेणी के यात्रियों को भी काफी परेशानी हो रही है।
इसे देखते हुए रेल मंत्री ने निर्देश दिए कि ट्रेनों के संचालन से पहले एसी सिस्टम की ठीक से जांच और आवश्यक सर्विस की जाए तथा एसी में खराबी की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि स्टेशन परिसर और प्रतीक्षालय में एसी पंखे आदि उपकरण ठीक से काम करते हों।
सूत्रों के अनुसार ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा करने वालों और निम्न श्रेणी का टिकट लेकर उच्च श्रेणी के डिब्बों में चढ़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाए। रेल मंत्री ने सभी महाप्रबंधकों और डीआरएम को ट्रेनों के संचालन में समय की पाबंदी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि यात्री समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। इससे उन्हें गर्मी से भी बचने में मदद मिलेगी।
रेल मंत्री ने समय की पाबंदी पर जोर देते हुए कहा कि ट्रेनों को समय पर चलाना चाहिए। समय की पाबंदी के मामले में उन्होंने कुछ हिस्सों में ट्रेनों के विलंबित होने के मूल कारणों का विश्लेषण करने का निर्देश दिया, जिससे समग्र समय की पाबंदी प्रभावित होती है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रेन परिचालन में अनावश्यक व्यवधान स्वीकार्य नहीं होगा। समय की पाबंदी के आंकड़ों की सख्ती से निगरानी की जानी चाहिए और समग्र समय की पाबंदी में सुधार किया जाना चाहिए।
बैठक में रेल मंत्री ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा, संरक्षा और बुनियादी ढांचा सबसे महत्वपूर्ण है और इस मोर्चे पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। रेलवे अधिकारियों को इन सभी बातों पर जोर देते रहना होगा। बैठक में इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हुई।