शिक्षा विभाग ने योग्यता परीक्षा फॉर्म भरने में फर्जी पाए गए 16 शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया है। डीपीओ स्थापना संजय कुमार यादव ने इस संबंध में संबंधित नियोजित समिति के सचिव को पत्र जारी किया है।
अब इन सभी शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि विभाग ने इस बात को गंभीरता से लिया है कि योग्यता फॉर्म भरने के बाद फर्जी साबित हुए ये शिक्षक काउंसलिंग में भी शामिल नहीं हुए। जांच में शिक्षा विभाग ने पहले ही बता दिया था कि इनका पात्रता परीक्षा नंबर दूसरे शिक्षक से मेल खाता है। विभाग ने ऐसे सभी शिक्षकों को अपना पक्ष रखने के लिए पटना बुलाया था।
लेकिन कई बार मौका मिलने के बाद भी संदिग्ध शिक्षक अपना पक्ष रखने पटना नहीं पहुंचे। बाद में विभाग ने संबंधित स्कूल के हेडमास्टर को इन शिक्षकों को विभागीय तौर पर पटना में जांच में उपस्थित कराने का आदेश दिया, लेकिन एक-दो को छोड़कर कोई भी संदिग्ध फर्जी शिक्षक जांच के लिए पटना नहीं पहुंचा। जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच शुरू होने के बाद अधिकांश शिक्षक विद्यालय छोड़कर पिछले नौ-दस माह से फरार हैं। विभागीय स्तर पर इनका वेतन भी बंद कर दिया गया है।
संबंधित खबरें
- बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का आज आखिरी दिन, विधानसभा पहुंचे सीएम नीतीश कुमार
- किशनगंज में राजधानी एक्सप्रेस के ब्रेक बाइंडिंग से अचानक उठा धुआं, यात्रियों में हड़कंप
- Reels रील बनाने के जुर्म में जेल जाने की तैयारी में एक शख्स ने चलती ट्रेन में सीट कवर फाड़ना शुरू कर दिया
- PM Modi ने Nitish Kumar को नहीं दिया मिलने का टाइम? BJP की तरफ से आई सफाई !मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
- BPSC छात्रों के समर्थन में उतरीं प्रियंका गांधी, कहा- कड़ाके की ठंड में पानी डालना और लाठीचार्ज करना अमानवीय
दक्षता काउंसिलिंग पूरी होने के बाद विभागीय आदेश पर इन शिक्षकों की खोज शुरू की गई। इसके बाद इन शिक्षकों को फर्जी घोषित कर सेवा समाप्ति की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। फर्जी पाए गए सभी शिक्षकों को पंचायत व प्रखंड नियोजन समिति में बहाल कर दिया गया। सेवा समाप्ति की कार्रवाई नियोजन समिति को ही पूरी करनी है। इसके लिए डीपीओ ने सभी नियोजन समितियों को अलग-अलग पत्र जारी किया है।
बिहार विधानसभा के गेट पर पोस्टर लिए तेजस्वी दिखे, स्मार्ट मीटर का विरोध और आरक्षण की मांग