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बिहार भूमि सर्वे: मृतक के नाम पर जमीन ? ऐसे कराएं अपने नाम पर दर्ज – जानें पूरी प्रक्रिया

बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू हो चुका है, लेकिन इसे लेकर लोगों में कई तरह के भ्रम और सवाल हैं। खासतौर पर यह सवाल उठ रहे हैं कि अगर जमीन किसी मृत व्यक्ति के नाम पर है, तो क्या करना चाहिए? अगर जमीन पूर्वजों के नाम पर है, तो उसकी क्या प्रक्रिया होगी? ऐसे ही सभी सवालों के जवाब आपको इस जानकारी में मिलेंगे ताकि आप अपने जमीन के दस्तावेज सही तरीके से रख सकें। यह जानना बेहद जरूरी है कि सर्वे के दौरान किसी मृत व्यक्ति का नाम जमीन के दस्तावेज में दर्ज नहीं किया जा सकता।

सर्वे में मृत व्यक्ति का नाम नहीं चढ़ेगा

अगर किसी की जमीन दस्तावेजों में दादा या परदादा के नाम पर है, और उनका निधन हो चुका है, तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के सभी वारिसों के नाम जमीन के दस्तावेज में दर्ज किए जा सकते हैं। इसके लिए आपको पंचायत की ग्राम सभा में वंशावली प्रस्तुत करनी होगी। वंशावली पर सभी रैयतों के हस्ताक्षर होने चाहिए, और यही वंशावली मान्य होगी।

जमीन का बंटवारा न होने पर क्या करें?

अगर किसी परिवार में जमीन का बंटवारा नहीं हुआ है, तो सर्वे के दौरान सभी मौजूदा जमीन मालिकों के नाम दस्तावेज में दर्ज किए जाएंगे। इस प्रक्रिया के तहत, संबंधित व्यक्ति को अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज, जैसे खतियान, रसीद, दाखिल खारिज, या जमीन के स्वामित्व से संबंधित अन्य सरकारी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, ताकि यह प्रमाणित हो सके कि जमीन आपकी है।

अगर जमीन पर विवाद चल रहा है तो?

अगर किसी जमीन पर विवाद चल रहा है, तो सर्वे दस्तावेजों में उस जमीन से संबंधित विवरण के साथ केस का उल्लेख भी किया जाएगा। कोर्ट का फैसला आने पर उस आधार पर दस्तावेजों में संशोधन किया जा सकता है।

दावा और आपत्ति की प्रक्रिया

वंशावली स्वघोषणा पत्र को ग्राम सभा में प्रस्तुत करने के बाद, यदि कोई आपत्ति होती है, तो उसका समाधान वहीं किया जाएगा। दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा करने का विकल्प भी है। आप अपने दस्तावेज ऑनलाइन जमा कर सकते हैं, और यदि वे सही होते हैं, तो आपको फिजिकली जाने की आवश्यकता नहीं है।

प्लॉट पर जाकर फोटो खींचने की जरूरत?

अगर आपको लगता है कि सर्वे के दौरान दी गई जानकारी सही तरीके से प्रतिबिंबित नहीं हो रही है, तो आप मौके पर उपस्थित रह सकते हैं, या फिर ऑनलाइन भी अपनी जानकारी प्रस्तुत कर सकते हैं। ग्राम सभा में कई बार इस बारे में चर्चा की जाएगी, जिसमें अधिकारी और कर्मी भी उपस्थित रहेंगे।

समय सीमा और जरूरी जानकारी

यह सर्वे लगभग एक साल तक चलेगा और विभिन्न चरणों में दावा और आपत्ति ली जाएगी। इस प्रक्रिया में सब कुछ डिजिटाइज किया जा रहा है, इसलिए आपको अपने दस्तावेज और वंशावली सही तरीके से तैयार रखनी होगी। जब सर्वे टीम आपके गांव में जाए, तो उन्हें सही जानकारी देकर सहयोग करें।

अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है, तो आप हमें अपना सवाल भेज सकते हैं। हम आपके सवालों का जवाब एक्सपर्ट्स और अधिकारियों से बात करके देने की कोशिश करेंगे। इस खबर पर आपकी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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