कौन हैं वो ‘लखपति दीदी’ चंदा देवी? पीएम मोदी ने किसे दिया चुनाव लड़ने का ऑफर: अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंदादेवी नाम की महिला को चुनाव लड़ने का ऑफर दिया. हालांकि, चंदादेवी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. दरअसल, चंदादेवी वाराणसी के सेवापुरी गांव में भाषण दे रही थीं. उनके भाषण से पीएम मोदी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा, ‘आप बहुत अच्छा भाषण देते हैं, क्या आपने कभी चुनाव लड़ा है?’ चंदादेवी ने इससे इनकार कर दिया.
आगे पीएम मोदी ने पूछा, ‘क्या आप चुनाव लड़ेंगे?’ चंदादेवी ने जवाब देते हुए कहा, ‘हमने कभी चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचा है. हम आपसे ही प्रेरित हैं. मैंने मंच पर आपके सामने खड़े होकर दो शब्द कहे हैं, ये मेरे लिए गर्व की बात है.’ पीएम मोदी और चंदादेवी के बीच बातचीत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. इस बीच आजतक ने चंदादेवी से बात की और उनके बारे में कई बातें जानी. बातचीत में उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने पीएम मोदी का यह ऑफर क्यों ठुकरा दिया?
35 वर्षीय चंदादेवी रामपुर गांव की रहने वाली हैं. चंदादेवी ‘लखपति दीदी’ हैं. यह केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसके तहत सरकार का लक्ष्य दो करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षित करना है। चंदादेवी ने बताया कि उन्होंने साल 2004 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी. अगले ही साल 2005 में उनकी शादी लोकपति पटेल से हो गई. शादी के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी.
संबंधित खबरें
- LDS Singles Review | Satisfy The Mormon Partner in February 2023
- Find your perfect granny match
- Best Granny Adult Dating Sites To Satisfy Gilfs In The United States 2023
- Blind big date: ‘It’s the only big date I’ve had in which we spoken of syphilis’ | matchmaking |
- Find love and companionship with your mature lesbian dating app
फिलहाल चंदादेवी के दो बच्चे हैं. बड़ी बेटी प्रिया 14 साल की है और हिंदी मीडियम प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है। छोटा बेटा 8 साल का अंश है जो फिलहाल सरकारी स्कूल में पढ़ता है। चंदादेवी का कहना है कि उनके दोनों बच्चे पढ़ाई में होनहार हैं। उन्होंने कहा कि वह ज्यादा नहीं पढ़ पाईं, लेकिन चाहती हैं कि उनके बच्चे अच्छे कॉलेज में पढ़ाई करें.
उन्होंने बताया कि जब से ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ शुरू हुआ, तब से उन्होंने अपने गांव में समूह अध्यक्ष के रूप में काम करना शुरू कर दिया था. पिछले महीने वह 19 महीने के लिए बड़की गांव के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ‘बैंक सखी’ रही हैं। चंदादेवी बताती हैं कि वह जरूरतमंदों को ऋण मुहैया कराने के अलावा गांव की सहायता समूह की महिलाओं के करीब 80-90 बैंक खातों की भी देखभाल करती हैं. उनका कहना है कि उनके परिवार में इसे लेकर कोई समस्या नहीं है और सभी उनका समर्थन करते हैं।
पीएम मोदी के चुनाव लड़ने के ऑफर को ठुकराने के सवाल पर चंदादेवी ने कहा कि उन पर अपने परिवार की बहुत जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि उनकी सास 70 साल की हैं, जो अक्सर बीमार रहती हैं. के दो बच्चे हैं। खेती में भी मदद करनी पड़ती है. इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ सकतीं. उन्होंने बताया कि परिवार से दूर कोई भी काम करना संभव नहीं है.
उन्होंने कहा कि मैं वही काम करूंगी जो मैं अपने परिवार के साथ रहकर कर सकूं. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी से बात करने से पहले थोड़ा डर और झिझक थी, लेकिन उनका व्यवहार देखने के बाद ये सब दूर हो गया.