मुजफ्फरपुर पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो अब तक सीएसपी संचालकों से 30 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं. गिरफ्तार साइबर अपराधियों में दो एमआईटी के छात्र हैं. दोनों इंजीनियरिंग छात्र साइबर फ्रॉड गिरोह में शामिल हो गए थे और एटीएम और सिम कार्ड से नए यूपीआई बनाकर सीएसपी संचालकों को निशाना बनाते थे और उन्हें धोखाधड़ी का शिकार बनाते थे.
दरअसल, मुजफ्फरपुर के साइबर थाने की पुलिस को लगातार साइबर ठगी की शिकायत मिल रही थी. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जब साइबर थाने की पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया उसे देखकर वह हैरान रह गयी. पुलिस ने एक विशेष टीम का गठन कर इन सभी अपराधियों के खिलाफ लगातार जांच शुरू कर दी. जिसके बाद पूरा मामला सामने आया.
साइबर गिरोह में शामिल तीन शातिर एक साथ आधार कार्ड पर स्थानीय पता बनाकर मुजफ्फरपुर में रहने लगे थे. ये सभी एटीएम और सिम कार्ड की मदद से नया यूपीआई कोड बनाकर अवैध पैसे निकालने के लिए एटीएम में जाते थे. एटीएम में ट्रांजैक्शन लिमिट होने के बाद वह जिले के विभिन्न सीएसपी संचालकों से मिलता था और उन्हें बीमारी की समस्या बता कर पैसे निकाल लेता था. उसने जिले के कई सीएसपी संचालकों से करीब 30 लाख रुपये की अवैध निकासी की.
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इस गिरोह के सरगना को पटना जाने वाली बस के कंडक्टर के माध्यम से पैसा भेजा जाता था. जिसमें इन लोगों को 1 लाख रुपये पर 5 हजार रुपये का कमीशन मिलता था. गिरफ्तार आकाश कुमार और फैजान अली एमआईटी के चौथे सेमेस्टर के छात्र हैं. उसके एक अन्य सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसकी पहचान राजा कुमार के रूप में की गई है.
साइबर थाने के इंस्पेक्टर सह अपर थानेदार शमीम अख्तर ने बताया कि जिले के सीएसपी संचालक से साइबर फ्रॉड कर 30 लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली गयी है, जिसकी सूचना पुलिस को मिली थी. सूचना पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी। इसी बीच पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि ये लोग सीएसपी संचालकों से पैसे की अवैध निकासी कर रहे हैं. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर छापेमारी कर इन तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया. अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.