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बीपीएल परिवारों को इलाज के लिए मुफ्त हेलीकॉप्टर सुविधा, एयर एंबुलेंस के लिए सरकार देगी 2.5 लाख रुपये.

बीपीएल परिवारों को इलाज के लिए मुफ्त हेलीकॉप्टर सुविधा, एयर एंबुलेंस के लिए सरकार देगी 2.5 लाख रुपये.

झारखंड सरकार राज्य की आम जनता को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है. सरकार ने फैसला किया है कि एयर एंबुलेंस के किराये का आधा खर्च वह खुद उठाएगी. फिलहाल एयर एंबुलेंस से रांची से दिल्ली का किराया 5 लाख रुपये है. लेकिन नए प्रस्ताव के तहत सरकार किराए का आधा हिस्सा यानी 2.5 लाख रुपये सब्सिडी के तौर पर देगी. बाकी 2.5 लाख रुपये मरीज के परिवार को वहन करना होगा. झारखंड सरकार का नागरिक उड्डयन मंत्रालय इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है. इस विभाग को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद संभाल रहे हैं.

इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा. नागरिक उड्डयन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सीएम हेमंत सोरेन खुद इस प्रस्ताव को लेकर काफी गंभीर हैं. वह राज्य की आम जनता पर एयर बट लेंस किराये का बोझ कम करना चाहते हैं. इसे देखते हुए सरकार आधा किराया सब्सिडी के तौर पर देने की तैयारी कर रही है. कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इसकी घोषणा कर दी जायेगी.

जब से झारखंड सरकार ने एयर एंबुलेंस सेवा शुरू की है. सरकारी एयर एम्बुलेंस सेवा निजी सुविधाओं की तुलना में थोड़ी सस्ती है। जो रांची से दिल्ली तक का किराया 5 लाख रुपये वसूल रही है. जबकि निजी एयरलाइंस कंपनियां मरीजों से छह से साढ़े छह लाख रुपये वसूल रही हैं। फिलहाल राज्य सरकार की एयर एंबुलेंस हर महीने 5 दिन रांची एयरपोर्ट से मरीजों को इलाज के लिए बाहर ले जा रही है.

एंबुलेंस सेल खुला, दो घंटे में उपलब्ध करायी जा रही एयर एंबुलेंस : बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर रेड बर्ड एविएशन लिमिटेड कंपनी की डबल इंजन एयर एंबुलेंस 24 घंटे तैनात रहती है. नागरिक उड्डयन विभाग ने एक एम्बुलेंस सेल खोला है। जो 24 घंटे काम कर रहा है. मरीज के परिवार से संपर्क करने के दो घंटे के भीतर
अंदर एयर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करायी जा रही है.

बीपीएल कार्डधारकों के लिए मुफ्त एयर एंबुलेंस सेवा पर विचार

राज्य सरकार को राज्य के बीपीएल परिवारों को मुफ्त एयर एम्बुलेंस सेवा कैसे प्रदान करनी चाहिए? सरकार इस पर चिंतन और मंथन कर रही है. क्योंकि बीपीएल कार्ड धारक एयर एंबुलेंस का आधा किराया भी नहीं दे सकते। ऐसे में सरकार उन्हें कैसे राहत देगी? इस पर भी चिंतन और चर्चा की जा रही है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर भी फैसला लेगी.

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