नकली दवाइयों की पहचान कैसे करें: भारतीय बाजार में नकली दवाइयां खूब बिक रही हैं। इसके पीछे वजह यह है कि ज्यादातर लोग मेडिकल स्टोर से बुखार, सर्दी, खांसी की दवाइयां खरीदकर रख लेते हैं, ताकि रात में जरूरत पड़ने पर बाद में परेशान न होना पड़े। लेकिन आजकल नकली दवाइयां शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
असली दवाइयों और नकली दवाइयों की पहचान कैसे करें
जब भी आप मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदें तो इस बात का खास तौर पर ध्यान रखें कि सभी असली दवाइयों पर क्यूआर कोड छपा होगा। इसे स्कैन करने पर दवाइयों की डिटेल मिल जाएगी। इसलिए दवा खरीदने से पहले क्यूआर कोड देखना न भूलें। वहीं, अगर किसी दवा पर यह कोड नहीं है तो जाहिर तौर पर दवा नकली हो सकती है। साथ ही आपको ऐसी दवाइयां खरीदने से बचना चाहिए।
नियमों के मुताबिक 100 रुपये से ज्यादा की सभी दवाइयों पर QR कोड होना जरूरी है। नकली QR कोड बनाना आसान नहीं है, क्योंकि दवाइयों में इस्तेमाल होने वाला कोड एडवांस वर्जन होता है। इसकी पूरी डिटेल भी सेंट्रल डेटाबेस एजेंसी से जारी की जाती है। इसलिए बिना QR कोड के दवाएं न खरीदें।
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