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क्या ये वही है: वो 1 करोड़ युवा कौन हैं जिन्हें हर महीने 5000 रुपए मिलेंगे, क्या है पात्रता?

क्या ये वही है: वो 1 करोड़ युवा कौन हैं जिन्हें हर महीने 5000 रुपए मिलेंगे, क्या है पात्रता?

 क्या ये वही है: वो 1 करोड़ युवा कौन हैं जिन्हें हर महीने 5000 रुपए मिलेंगे, क्या है पात्रता?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा और युवाओं के लिए कई बड़े ऐलान किए.

अपने बजट भाषण में उन्होंने नौकरी और कौशल से जुड़ी 5 पीएम पैकेज योजनाओं का जिक्र किया. एक योजना ऐसी भी थी जिसमें युवाओं को कौशल से जोड़ने के लिए एक हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को अपग्रेड करने की बात कही गई है.

इसमें कहा गया कि हर साल 25 हजार छात्रों को स्किलिंग लोन का लाभ मिलेगा और 5 साल के अंदर 1 करोड़ युवाओं को स्किल्ड किया जाएगा. किसे मिलेंगे हर महीने 5 हजार रुपए? सवाल ये है कि किसे हर महीने 5 हजार रुपए वजीफा मिलेगा? इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहती हैं,

ये योजना प्रधानमंत्री पैकेज का हिस्सा है. हमारी सरकार एक ऐसी योजना शुरू करेगी, जिसके तहत 500 शीर्ष कंपनियों में 1 करोड़ भारतीय युवाओं को इंटर्नशिप दी जाएगी। यह 5 साल के लिए किया जाएगा। ये युवा 12 महीने उस माहौल में रहकर अपना अनुभव बढ़ाएंगे और भविष्य के लिए खुद को तैयार करेंगे। उन्हें इंटर्नशिप भत्ते के तौर पर हर महीने 5,000 रुपये दिए जाएंगे।

इसके अलावा एकमुश्त सहायता भत्ते के तौर पर 6,000 रुपये भी दिए जाएंगे। इसका फायदा उन छात्रों को मिलेगा जो पढ़ाई के दौरान या पढ़ाई पूरी करने के बाद इंटर्नशिप करके किसी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। इसके लिए उनकी उम्र 21 से 24 साल के बीच होनी चाहिए। जिन लोगों को अब तक नौकरी नहीं मिली है और वे फुल टाइम पढ़ाई नहीं कर रहे हैं, उन्हें इसका मौका मिलेगा।

उन्हें वजीफे का लाभ मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ट्रेनिंग का खर्च कंपनी उठाएगी। इसके अलावा इंटर्नशिप के खर्च का 10 फीसदी हिस्सा कंपनी के सीएसआर फंड से लिया जाएगा। इन योजनाओं का भी हुआ ऐलान पीएम पैकेज की पहली योजना फर्स्ट टाइम एम्प्लॉयमेंट है। इसके तहत ईपीएफओ में पहली बार रजिस्टर होने वाले लोगों को, अगर उनकी सैलरी 1 लाख रुपये से कम है तो उन्हें 15,000 रुपये की मदद मिलेगी.

यह तीन किस्तों में दी जाएगी जो सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएंगी. इस योजना के जरिए 210 लाख युवाओं की मदद की जाएगी. दूसरी योजना है- मैन्युफैक्चरिंग में जॉब क्रिएशन. इसकी मदद से पहली बार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़ने वाले कर्मचारी को ईपीएफओ जमा के आधार पर पहले 4 साल तक इंसेंटिव दिया जाएगा.

इसका फायदा 30 लाख युवाओं को मिलेगा. तीसरी योजना है- सपोर्ट टू एंप्लॉयर. इसकी मदद से सरकार नियोक्ताओं का बोझ कम करने का काम करेगी. इस योजना की मदद से नए कर्मचारियों के ईपीएफओ अंशदान पर नियोक्ताओं को 2 साल तक हर महीने 3,000 रुपये की प्रतिपूर्ति की जाएगी. चौथी योजना है- वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी. इसके माध्यम से नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास, बच्चों के क्रेच और महिला कौशल कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

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