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शिक्षकों का वेतन रोकने वाले केके पाठक का खुद का वेतन रुका: पाठक लगातार बढ़ा रहे हैं छुट्टी, ज्वाइनिंग के बाद वेतन पर फैसला

शिक्षकों का वेतन रोकने वाले केके पाठक का खुद का वेतन रुका: पाठक लगातार बढ़ा रहे हैं छुट्टी, ज्वाइनिंग के बाद वेतन पर फैसला

पटना: शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव रहते हुए हजारों शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतन रोकने वाले आईएएस केके पाठक का खुद का वेतन रुका हुआ है। पाठक को जून महीने का वेतन नहीं मिला है। हालांकि, वे 2 जून से लगातार छुट्टी पर हैं। तीन बार छुट्टी बढ़ा चुके पाठक का दो बार तबादला भी हो चुका है।

बता दें कि केके पाठक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर तैनात थे। मई के अंत में सरकारी स्कूलों को बंद करने को लेकर सरकार से विवाद हुआ था। उस समय बिहार में भीषण गर्मी पड़ रही थी। भीषण गर्मी में बच्चे बेहोश हो रहे थे, लेकिन पाठक सरकारी स्कूलों को खुला रखने पर अड़े हुए थे। सीएम नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव को 1 जून से 8 जून तक सरकारी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया था। इसी दौरान केके पाठक 2 जून से 29 जून तक छुट्टी पर चले गए थे। तब से वे ड्यूटी पर नहीं लौटे हैं।

पाठक का वेतन रोका गया

इस बीच केके पाठक का वेतन रोक दिया गया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार उन्हें जून माह का वेतन नहीं मिला है। दरअसल, छुट्टी पर जाने के बाद राज्य सरकार ने 13 जून को उनका तबादला कर दिया था। केके पाठक को भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया था। लेकिन केके पाठक ने विभाग ज्वाइन नहीं किया। ऐसे में सरकार ने उनका फिर से तबादला कर दिया। केके पाठक को राजस्व पर्षद का अध्यक्ष बनाया गया।

दरअसल, सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को वेतन उसी विभाग से मिलता है, जिसमें वह कार्यरत है। केके पाठक फिलहाल किसी विभाग में नहीं हैं। जून माह में ही उनका तबादला शिक्षा विभाग से हुआ है। अगर वे भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग में ज्वाइन करते तो उन्हें उस विभाग से वेतन मिलता। लेकिन उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया। अब उनका तबादला राजस्व पर्षद में हो गया है। पाठक ने वहां भी ज्वाइन नहीं किया है। ऐसे में उनका वेतन रोक दिया गया है।

पाठक कब लौटेंगे

वैसे भी सरकारी विभाग में यह सवाल भी उठ रहा है कि केके पाठक कब लौटेंगे। दो जून को वे ईएल लेकर छुट्टी पर चले गए थे। बाद में उन्होंने मेडिकल लीव के लिए आवेदन दिया था। वे तीन बार अपनी छुट्टी बढ़वा चुके हैं। तंग आकर सरकार ने उन्हें राजस्व पर्षद में भेज दिया है। इसे सेटिंग पोस्ट माना जाता है। जिस अधिकारी को सरकार अपने काम से दूर रखना चाहती है, उसे राजस्व पर्षद में भेज दिया जाता है। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा देखने वाला सामान्य प्रशासन विभाग भी यह बताने को तैयार नहीं है कि पाठक कब काम पर लौटेंगे। वैसे चर्चा यह है कि वे 15 जुलाई के बाद ड्यूटी ज्वाइन कर सकते हैं।

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