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बिहार के इन 5 शहरों में सैनिक स्कूल खोलने की तैयारी, भागलपुर-समस्तीपुर के बाद इन लोगों को तोहफा

बिहार के इन 5 शहरों में सैनिक स्कूल खोलने की तैयारी, भागलपुर-समस्तीपुर के बाद इन लोगों को तोहफा

विद्या भारती के तीन स्कूलों को सैनिक स्कूल की मंजूरी मिल गई है, तैयारी चल रही है, राज्य के पांच स्कूलों में सैनिक स्कूल खोले जाएंगे; इस बार राज्य के एक स्कूल में सैनिक स्कूल की पढ़ाई शुरू होगी. इसके अलावा इस बार पांच अन्य स्कूलों में भी सैनिक स्कूल की मान्यता के लिए आवेदन दिया गया है। इन स्कूलों में इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है.

इस बार बिहार में सिर्फ एक स्कूल भागलपुर स्थित गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्यामंदिर चंपानगर को पीपीपी मोड पर मान्यता दी गई है. नामांकन 2024-25 में शुरू होगा. इसके अलावा अब तक दो जिलों में ऐसे स्कूल चलाये जा रहे हैं. जिसमें से समस्तीपुर स्थित सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर में वर्ष 2021-22 से ही नामांकन चल रहा है और अब तक वहां दो बैच चल रहे हैं. वहीं केशव विद्यालय सरस्वती विद्यामंदिर, पटना में 2022-23 में नामांकन हो चुका है. यहां अभी पहला बैच ही चल रहा है। इन सभी स्कूलों में कक्षा छह में ही नामांकन शुरू होगा. विद्या भारती के तीन स्कूलों को सैनिक स्कूल की मंजूरी मिल गयी है. इनमें से दो में नामांकन के बाद पढ़ाई भी शुरू हो गयी है. लेकिन राज्य के अलग-अलग जिलों के पांच अन्य स्कूलों में भी इसके लिए आवेदन किये जा रहे हैं. जिसमें भागलपुर के आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर, बक्सर के अहिरौली स्थित सरस्वती विद्या मंदिर, बांका के जगतपुर स्थित चमनसाह सरस्वती विद्या मंदिर, कैमूर के तिलौथू स्थित सरस्वती विद्या मंदिर और हाई स्कूल औरंगाबाद के लिए भी आवेदन किये गये हैं. शिशु शिक्षा प्रबंधन समिति एवं भारती शिक्षा समिति दक्षिण बिहार के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने बताया कि इन पांच स्कूलों में आवेदन के साथ तैयारी शुरू कर दी गयी है.

यहां सैनिक स्कूल के मानकों के अनुरूप तैयारियां की जा रही हैं। ताकि ये स्कूल विभागीय टीम द्वारा ली जाने वाली परीक्षा में पास हो सकें। कृपया ध्यान दें कि इन स्कूलों में नामांकन कक्षा छह से शुरू होता है।

राज्य के एकमात्र विद्यालय, भागलपुर स्थित गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर को सैनिक स्कूल के रूप में मान्यता मिलने और 2024 में नामांकन की तैयारी के संबंध में प्रधानाध्यापक नीरज कौशिक ने कहा कि यहां छात्रावास की भी सुविधा है. जो छात्र यहां रहना चाहेंगे वे यहां रह सकेंगे। जो लोग घर से रोजाना आना-जाना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं। निर्देशों के अनुरूप कमरे भी तैयार किये जा रहे हैं। सैनिक स्कूल की यह मान्यता यहां के विद्यार्थियों के लिए वरदान बनकर आई है।

अब तक विद्या भारती के तीन स्कूलों को मान्यता मिलने के बाद पांच और स्कूलों के लिए आवेदन किया जा चुका है। यहां भी तैयारियां चल रही हैं. कुछ स्कूलों में निरीक्षण भी हो चुका है।

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