PATNA : पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग बैकफुट पर है. केके पाठक के आदेश के बाद विभाग ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कर्मचारियों के साथ-साथ सभी शिक्षकों के वेतन पर लगी रोक हटा ली है, जिसके चलते एसीएस पर रोक लगा दी गयी थी. हाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग ने सभी 13 विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर करीब डेढ़ माह से लगी रोक हटा दी है. ऐसे में विश्वविद्यालयों में तैनात करीब 15 हजार कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन का रास्ता साफ हो गया है.
दरअसल, शिक्षा विभाग ने कई बार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाई, लेकिन राजभवन से बैठक में शामिल होने की मंजूरी नहीं मिलने के कारण विश्वविद्यालय का कोई भी कर्मचारी शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं हो रहा था. जिसके कारण शिक्षा विभाग को कई बार बैठक रद्द करनी पड़ी. कुलपतियों के विभागीय बैठक में शामिल नहीं होने पर शिक्षा विभाग ने 28 फरवरी को सभी विश्वविद्यालयों के खातों पर रोक लगा दी थी.
इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के वीसी, प्रो वीसी और अन्य विश्वविद्यालय कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी थी. बाद में शिक्षा विभाग ने कुछ छूट देते हुए दोबारा बैठक बुलाई लेकिन इस बार भी बैठक में कोई कुलपति शामिल नहीं हुए. जिसके बाद 15 मार्च को शिक्षा विभाग ने फिर से विश्वविद्यालय कर्मचारियों के खाते और वेतन पर रोक लगा दी.
शिक्षा विभाग और राजभवन के अधिकार क्षेत्र का मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया और 3 मई को पटना हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालयों के खाते और कर्मचारियों के वेतन पर लगाई गई रोक को तुरंत हटाने का आदेश दिया. हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा विभाग ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और बैठक में बैंक खातों पर लगी रोक हटाने का निर्णय लिया गया. शिक्षा सचिव वैद्यनाथ यादव ने शनिवार को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी.