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चिराग पासवान का नेता ही निकला ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड का मास्टरमाइंड, CBI की चार्जशीट में हुआ खुलासा!

बरमेश्वर मुखिया की हत्या में हुलास समेत 8 पर शिकंजा, सीबीआई ने आरा कोर्ट में दाखिल किया पूरक आरोप पत्र, आरोप पत्र में खुलासा, हुलास व अन्य ने मारी थी छह गोलियां: क्या आपको याद है बिहार की चर्चित रणवीर सेना? कहा जाता है कि ब्रह्मेश्वर मुखिया के नेतृत्व में रणवीर सेना नाम का एक संगठन बनाया गया था ताकि स्वर्ण समाज के लोगों के साथ कोई और न मिल सके. बिहार में एक समय ऐसा था जब स्वर्ण समाज के लोग निम्न वर्ग के लोगों का दमन करते थे। लेकिन हद तो तब हो गई जब निम्न वर्ग के लोगों ने स्वर्ण समाज के लोगों की जमीन पर जबरन कब्जा करना शुरू कर दिया। उसके बाद ब्रह्मेश्वर मुखिया के नेतृत्व में रणवीर सेना का गठन किया गया. बाद में ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या कर दी जाती है और हत्या के कई साल बाद सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया है और इसमें चिराग पासवान की पार्टी के एक नेता जो पूर्व एमएलसी थे, का नाम शामिल किया है.

रणवीर सेना प्रमुख बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने आरा जिला एवं सत्र न्यायालय में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है. सत्र न्यायाधीश-3 की अदालत में दायर आरोप पत्र में पूर्व एमएलसी हुलास पांडे समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है. इनमें अभय पांडे, नंद गोपाल पांडे उर्फ फौजी, रितेश कुमार उर्फ मोनू, अमितेश कुमार पांडे उर्फ गुड्डु पांडे, प्रिंस पांडे, बालेश्वर पांडे और मनोज राय उर्फ मनोज पांडे शामिल हैं.

सीबीआई स्तर पर दायर इस आरोप पत्र में कहा गया है कि हुलास पांडे ने सात अन्य आरोपियों के साथ मिलकर बरमेश्वर नाथ सिंह उर्फ बरमेश्वर मुखिया की हत्या की साजिश रची थी. साजिश के तहत 1 जून 2012 की सुबह 4 बजे सभी आरोपित आरा के कतिरा मोड़ पर जुटे थे. बरमेश्वर मुखिया अपनी दैनिक दिनचर्या के तहत सुबह टहलने निकले और अपने आवास की गली के पास पहुंचे. हुलास पांडे व अन्य ने करीब से छह गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। सभी गोलियां देशी पिस्तौल से मारी गयीं. मामले की गहन जांच के बाद सीबीआई ने यह पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है. जिसमें इन आठों आरोपियों को मुख्य आरोपी बनाया गया है.

जुलाई 2013 से कर रही है जांच आरा के नवादा थाने में, जिसका FIR नंबर 139/2012 है. इसमें अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश समेत अन्य गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. 10 साल की लंबी जांच के बाद सीबीआई ने मुख्य आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है.

सुराग देने वालों को 10 लाख रुपये का इनाम देने के पोस्टर भी जारी किए गए.

पहले 8-9 साल तक इस केस की जांच में सीबीआई पूरी तरह खाली हाथ रही. बाद में जनवरी 2021 में सीबीआई ने इस केस को लेकर एक पोस्टर जारी किया था. इसे आरा सदर अस्पताल के मुख्य द्वार के अलावा शहर के कई अन्य स्थानों पर भी चिपकाया गया. इसमें कहा गया कि इस हत्याकांड को सुलझाने में मदद करने वाले अहम सुराग देने वालों को 10 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. सीबीआई के स्तर पर दो बार ऐसे पोस्टर चिपकाये गये थे. इसके बाद मामले की जांच के दौरान जांच एजेंसी को कुछ अहम सुराग मिले. जिसके आधार पर मामले की जांच आगे बढ़ी. अब सीबीआई ने आठ लोगों को आरोपित करते हुए पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है. पहले दाखिल की गई चार्जशीट में भी कुछ लोगों को आरोपी बनाया गया था.

 

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