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जिसने भी ऐसा किया है, उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा… हार के बाद रोहिणी ने कहा… जहरीले कांटों को भी काटा और छांटा जाएगा… आचार्य किस पर निशाना साध रही हैं?

जिसने भी ऐसा किया है, उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा... हार के बाद रोहिणी ने कहा... जहरीले कांटों को भी काटा और छांटा जाएगा... आचार्य किस पर निशाना साध रही हैं?

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य सारण लोकसभा सीट से 13 हजार 661 वोटों से चुनाव हार गई हैं।

बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी को 4 लाख 71 हजार 752 वोट मिले, जबकि आरजेडी की रोहिणी आचार्य को 4 लाख 58 हजार 91 वोट मिले। बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी से मिली करारी हार के बाद रोहिणी आचार्य सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद

रोहिणी ने इंस्टाग्राम पर लिखा था कि जिसने जो किया है, उसे उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा… जहरीले कांटों को काटा और छांटा जाएगा… हालांकि, रोहिणी के निशाने पर कौन है? और यह लिखकर उन्होंने किस पर निशाना साधा है, यह स्पष्ट नहीं है।

कयास लगाए जा रहे हैं कि रोहिणी का इशारा निर्दलीय उम्मीदवारों की ओर है, जिन्होंने पूरा खेल बिगाड़ दिया। निर्दलीय उम्मीदवार लक्ष्मण यादव को 22 हजार 43 वोट मिले, जबकि दूसरे निर्दलीय उम्मीदवार शेख नौशाद को 16 हजार 103 वोट मिले। जबकि 11 हजार 417 वोट नोटा को गए। जबकि रोहिणी 13 हजार 661 वोटों से चुनाव हार गईं। अगर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में नहीं होते तो जीत की संभावना 100 फीसदी थी। लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों ने पूरा गणित ही बदल दिया।

कि ‘जीत और हार सोच पर निर्भर करती है, मान लिया तो हार गए और ठान लिया तो जीत गए… ऐसे ही अंदरुनी तोड़फोड़ होती है और विश्वासघात भी परखने और पहचानने से हार जाता है.. परखने, पहचानने और परखने से भी हार जाता है परास्त करने की क्षमता.. आक्रमण होगा.. प्रतिकार होगा.. पहली बाधा से बिलकुल विचलित नहीं होना है, फिर भी बहुत ऊंची उड़ान भरनी है..
मेरा परिवार मेरी ताकत है, मेरा विश्वास है.. मेरा वादा है “मेरे हौसले के रास्ते में आने वाली हर बाधा को पीछे छोड़कर, मैं हर मैदान जीतूंगा.. हर मैदान जीतूंगा”

आपको बता दें कि 2009 में लालू प्रसाद यादव खुद सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, तब उन्होंने बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी से 50 हजार वोटों से चुनाव जीता था.

फिर 2014 में लालू ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को इस सीट से मैदान में उतारा लेकिन राजीव प्रताप रूडी जीत गए. जिसके बाद 2019 में लालू के समधी चंद्रिका राय भी रूडी के खिलाफ खड़े हुए लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा. लालू परिवार की हार का बदला लेने के लिए रोहिणी आचार्य ने 2024 में सारण से चुनाव लड़ने का फैसला किया.

चुनावी मैदान में उतरीं रोहिणी ने जीत के लिए दिन-रात मेहनत की लेकिन सफल नहीं हुईं. एक बार फिर भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी ने सारण सीट जीत ली।

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