एक ओर जहां बिहार के लोग त्योहारों पर जाने के लिए ट्रेनों में कन्फर्म टिकट की कमी हो जाती है, वहीं दूसरी ओर बिहार के दरभंगा, गया और पटना हवाई अड्डों से दिल्ली और अन्य महानगरों के लिए हवाई किराया अनियंत्रित हो जाता है. पिछले कुछ महीनों में हवाई यात्रा ने यात्रियों की जेब पर भारी असर डाला है। पिछले साल दिवाली से लेकर नए साल की शुरुआत तक किराये की स्थिति ऐसी थी कि यात्रियों को प्रमुख शहरों दरभंगा और पटना के लिए हवाई किराया चार से पांच गुना तक चुकाना पड़ा था.
त्योहारों और आम दिनों में भी बिहार जाने वाले यात्रियों को बढ़ते हवाई किराये से राहत मिलने की उम्मीद है. संसदीय समिति ने त्योहारों और छुट्टियों के दौरान हवाई किराए में होने वाली भारी बढ़ोतरी पर लगाम लगाने की सिफारिश की है. इससे बिहार जाने वाले हवाई यात्रियों को किराए पर नियंत्रण की उम्मीद जगी है. कमेटी की सिफ़ारिश में कहा गया है कि बेलगाम किराएदारी को रोकने के लिए एक अलग यूनिट बनाई जानी चाहिए. हालांकि, समिति ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से फ्लाइट टिकट की कीमतों को लेकर अभी तक कोई अहम फैसला नहीं लिया गया है. गौरतलब है कि संसद की स्थायी समिति ने परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर रिपोर्ट पेश की है. इसमें हवाई किराए में भारी बढ़ोतरी पर नियंत्रण लगाने की सिफारिश की गई है.
त्योहारों के अलावा लग्न के दिनों में यात्रियों को दरभंगा से दिल्ली और दरभंगा से मुंबई तक की यात्रा के लिए 28 हजार रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं. पिछले साल सितंबर माह से लेकर दिसंबर माह के अंत तक कई बार ऐसी स्थिति बनी थी. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संजय कुमार झा ने छठ के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखकर इस मुद्दे को लेकर एएआई को चेतावनी दी थी. उन्होंने व्यक्तिगत रूप से नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मुलाकात की और उड़ान योजना के तहत दरभंगा हवाई अड्डे पर यात्री किराए और यात्री सेवाओं की स्थिति पर चर्चा की। इसके बाद पटना और दरभंगा जैसे कई शहरों से हवाई किराए कम हो गए. कुछ शहरों में किराया आंशिक रूप से नियंत्रित किया गया। लेकिन क्रिसमस की छुट्टियों और नए साल के दौरान लोग एक बार फिर हवाई टिकटों की बढ़ती कीमतों से परेशान हो गए।