लालू यादव को एक और झटका, सुभाष यादव पर ED का शिकंजा, बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू
लालू के करीबी सुभाष यादव पर ED का शिकंजा, बालू माफिया समेत तीन के खिलाफ चार्जशीट
ईडी ने मंगलवार को पटना के बेउर जेल में बंद बालू कारोबारी सुभाष प्रसाद यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएल एक्ट) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है. पटना में पीएमएलए की विशेष अदालत में दायर आरोप पत्र में ईडी ने सुभाष यादव और उनकी कंपनी मोर मुकुट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी जितेंद्र सिंह और ब्रॉडसन कंपनी के पूर्व निदेशक कृष्ण मोहन सिंह को भी आरोपी बनाया है.
गौरतलब है कि अवैध बालू कारोबार मामले में ईडी ने दानापुर के दीघा निवासी सुभाष यादव और ब्रैडसन कंपनी के निदेशक कृष्ण मोहन सिंह के बालू कारोबार का हिसाब-किताब रखने वाले जितेंद्र कुमार सिंह को हिरासत में लिया था और उनसे पूछताछ की थी. रिमांड.
जांच के दौरान बिहार के पटना, सारण, अरवल समेत अन्य जगहों पर गड़बड़ी के मामले सामने आये. जांच के दौरान बिना सरकारी चालान दिये करोड़ों रुपये के अवैध बालू कारोबार का खुलासा हुआ. यह सब ब्रैडसन कंपनी को दिए गए रेत खनन टेंडर की आड़ में किया गया था।
बालू खनन की जांच से यह भी पता चला कि फरवरी से अगस्त 2020 तक सात महीनों में बिना सरकारी चालान के बालू का अवैध कारोबार जारी रहा. इससे सरकार को 83 करोड़ 52 लाख 45 हजार रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ.
बिहार में बालू के अवैध कारोबार के मामले में ईडी ने दो एफआईआर दर्ज की हैं. साल 2023 में दर्ज मामले में एमएलसी राधा चरण सेठ, मिथिलेश सिंह, बबन सिंह, सुरेंद्र कुमार जिंदल और राधा चरण के बेटे कन्हैया प्रसाद और ब्रैडसन कंपनी को आरोपी बनाया गया था. दूसरे मामले में सुभाष यादव, जीतेंद्र कुमार व कृष्ण मोहन सिंह पर केस दर्ज किया गया. ईडी ने अब तक आठ लोगों को आरोपी बनाया है.
सुभाष प्रसाद यादव के निर्देश पर उनके कर्मचारी जीतेंद्र कुमार सिंह ने एक कंपनी की जमीन खरीदने के लिए 20 करोड़ रुपये नकद दिये थे. इसमें 2.2 करोड़ रुपये गुड्डु नाम के व्यक्ति ने, 50-50 लाख रुपये अंकित या ओंकार ने और 50 लाख रुपये उपेन्द्र जी नाम के व्यक्ति ने नकद दिये थे. ईडी की पूछताछ में जितेंद्र कुमार ने यह खुलासा किया है.
पूछताछ में उसने यह भी बताया कि सुभाष प्रसाद यादव ने कोइलवर में मोर मुकुट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कार्यालय खोला था. इस कंपनी में जितेंद्र कुमार सिंह पिछले 20 साल से काम करते थे. वह बालू का सारा हिसाब-किताब देखता था। इस कंपनी में ब्रैडसन कंपनी के सिंडिकेट का पैसा भी जमा था. अरवल बालू घाट के खनन कार्य की देखरेख की जिम्मेदारी भी जितेंद्र के जिम्मे थी.