बिलकिस बानो गैंगरेप केस के दोषियों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने सजा में छूट का आदेश रद्द किया: अभी-अभी इस वक्त की एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि गुजरात के बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. बीजेपी सरकार को झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोबारा जेल भेजने का आदेश दिया है. गुजरात सरकार ने इन सभी आरोपियों की सजा माफ करने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिस राज्य में किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और उसे सजा सुनाई जाती है, वह राज्य दोषियों की क्षमा याचिका पर निर्णय लेने में सक्षम है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि गुजरात राज्य दोषियों की सज़ा माफ़ करने का आदेश देने में सक्षम नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार सक्षम है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने फैसला सुनाया और जस्टिस नागरत्ना ने फैसला लिखा है.
अगस्त 2022 में, गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था। दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. इस पर आज फैसला आ गया है. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने फैसला सुनाया है.
3 मार्च 2002 को गुजरात में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के दंगों से भागते समय बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। बिलकिस बानो उस वक्त 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं. इस दंगे में बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्य मारे गए, जिनमें उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी.