खरमास का महीना शुरू हो चुका है और अगले एक महीने तक न तो शादियां आयोजित की जाएंगी और न ही कोई अन्य शुभ कार्य किए जाएंगे। मान्यताओं के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य के उत्तरायण होते ही खरमास समाप्त हो जाएगा और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
यही कारण है कि हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और कोलकाता में गंगासागर मेले का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस साल मकर संक्रांति को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. कुछ लोगों का कहना है कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी तो कुछ लोगों का कहना है कि इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा.
जानकारों के मुताबिक मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 15 जनवरी को मनाया जाएगा क्योंकि मशांत 14 जनवरी को है.
ज्योतिषियों के अनुसार, 15 जनवरी (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) को सुबह 02:43 बजे सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जिस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। इसलिए साल 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी.
मकर संक्रांति पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानि 15 जनवरी को है। इस दिन शुभ मुहूर्त सुबह 07:15 बजे से शाम 05:46 बजे तक है. इस अवधि में पूजा-पाठ, जप-तप और दान-पुण्य कर सकते हैं। वहीं, महापुण्य काल सुबह 07:15 बजे से 09 बजे तक है. इस दौरान पूजा और दान करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
देशभर में मकर संक्रांति का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें। नित्यकर्म से निवृत्त होकर गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। यदि सुविधाजनक हो तो किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें। इस समय आचमन करके स्वयं को शुद्ध कर लें। साथ ही पीले वस्त्र पहनें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। साथ ही अंजलि में तिल लेकर बहती जलधारा में प्रवाहित करें।
इसके बाद विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करें। पूजा के दौरान सूर्य चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती करें और सूर्यदेव से सुख-शांति और धन-संपदा में वृद्धि की प्रार्थना करें। पूजा पूरी होने के बाद अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें।